पूंजीगत लाभ यानी कैपिटल गेंस (धाराएं 45 से 55)
¶ करारोपण का आधार (बेसिस ऑफ चार्ज)
निम्नलिखित शर्तों के पूरा होने पर पूंजीगत लाभ पर कर लगाया (करारोपण किया) जा सकता है...
1. एक पूंजीगत संपत्ति यानी कैपिटल एसेट होना चाहिए.
2. ऐसे संपत्ति को गत वर्ष में हस्तांतरित किया गया हो.
3. इस हस्तांतरण के फलस्वरूप लाभ या मुनाफा हुआ हो. लाभ का अर्थ ऋणात्मक लाभ यानी घाटा भी हो सकता है.
4. ऐसा पूंजीगत लाभ धाराएं 54 इत्यादि के अंतर्गत कर मुक्त (exempt) ना हो.
¶ पूंजीगत संपत्ति यानी कैपिटल एसेट्स का अर्थ [धारा 2(14)]
करदाता के अधिपत्य में किसी भी प्रकार की संपत्ति को कैपिटल एसेट्स यानी पूंजीगत संपत्ति कह सकते है. यह करदाता के व्यवसाय या पेशा से जुड़ा या जुड़ा नहीं भी हो सकता है. संपत्ति शब्द का व्यापक अर्थ हो सकता है. इसमें किसी भारतीय कंपनी में किसी प्रकार का अधिकार जिसमें परिचालन (management) या नियंत्रण (control) के अधिकार भी सम्मिलित हो सकता है.
¶ गैर पूंजीगत संपत्तियों का उदाहरण (एग्जांपल ऑफ एसेट्स नॉट ट्रीटेड एस कैपिटल एसेट)
निम्नलिखित संपत्तियों को पूंजीगत संपत्ति यानी कैपिटल एसेट नहीं माना जाता है...
• स्टॉक इन ट्रेड
किसी व्यवसाय में सामान्य रूप से उपयोग होने वाले कच्चा सामग्री consumable स्टोर्स.
लेकिन इमारत, यंत्र, सुनाम, इत्यादि को छोड़कर.
• व्यक्तिगत सामान (personal effects)
अर्थात चल संपत्ति जिसमें पोशाक, कपड़े, फर्नीचर इत्यादि भी शामिल हैं जिन्हें करदाता या करदाता के परिवार के निर्भर शील सदस्यों द्वारा व्यवहार किया जाता है. जैसे घरेलू बर्तन, वस्त्र और पोशाक, घरेलू फर्नीचर इत्यादि.
लेकिन निम्नलिखित व्यक्तिगत सामानों को भी पूंजीगत संपत्ति माना जाता है
आभूषण, पुरातत्व कलेक्शंस, चित्र, पेंटिंग, स्कल्पचर यानी मूर्ति, कोई भी अन्य कलाकृति.
• भारत में उपस्थित कृषि भूमि
• 6.5% गोल्ड बॉन्ड 1977 , 7% गोल्ड बांड्स 1980, नेशनल डिफेंस गोल्ड बॉन्ड 1980
• स्पेशल बीयरर बॉन्ड 1991
• गोल्ड डिपॉजिट बॉन्ड्स अंडर द गोल्ड डिपॉजिट स्कीम 1999
¶ पूंजीगत संपत्तियों का वर्गीकरण (क्लासिफिकेशन ऑफ कैपिटल एसेट्स)
पूजीगत संपत्तियां निन्नलिखित दो प्रकार की होती है...
•अल्पावधि पूंजीगत संपत्ति (शार्ट टर्म कैपिटल एसेट)
•दीर्घावधि पूंजीगत संपत्ति (लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट)
¶ अल्पावधि पूंजीगत संपत्ति [शार्ट टर्म कैपिटल एसेट धारा 2(42A)]
जो पूंजीगत संपत्ति कर दाता के अधिपत्य में 36 महीनों की अवधि से अधिक न रहे उसे अल्पावधि पूंजीगत संपत्ति कहते हैं.
लेकिन निम्नलिखित मामलों में यह अवधि 36 महीनों के बदले केवल 12 महीनों की होगी...
•किसी भारतीय कंपनी में हिस्सेदारी (शेयर) या कोई भी प्रत्याभूति जो भारतीय स्कंध बाजार में सूचीबद्ध हो
•यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया की कोई इकाई
•धारा 10(23D) में निर्धारित म्युचुअल फंड की इकाई
•जीरो कूपन बांड, इत्यादि.
¶ दीर्घावधि पूंजीगत संपत्ति [लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट धारा 2(29A)]
अल्पकालीन पूंजीगत संपत्तियों को छोड़कर बाकी सभी पूंजीगत संपत्तियां दीर्घावधि पूंजीगत संपत्ति यानी लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट हैं.
¶ पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण का अर्थ [मीनिंग ऑफ ट्रांसफर ऑफ कैपिटल एसेट्स धारा 2(47)]
निम्नलिखित घटनाओं को पूंजीगत संपत्तियों का हस्तांतरण माना जाएगा...
• पूंजीगत संपत्ति का विक्रय, विनिमय या त्याग
•किसी पूंजीगत संपत्ति में अधिकार की समाप्ति
•किसी कानून के अंतर्गत पूजीगत संपत्ति का अनिवार्य अधिग्रहण
•जब करदाता द्वारा किसी संपत्ति को अपने व्यवसाय या पेशा के लिए स्टॉक-इन-ट्रेड में परिवर्तित किया जाता है
•ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट 1882 में वर्णित धारा 53 ए के अनुसार किसी अनुबंध के पूरा होने के फलस्वरूप किसी अचल संपत्ति के अधिपत्य की मान्यता देना.
•जीरो कूपन बांड की परिपक्वता (maturity) या विमोचन (redemption)
•ऐसा कोई भी लेनदेन जिसके परिणाम स्वरूप किसी पूंजीगत संपत्ति का हस्तांतरण हो या किसी अचल संपत्ति के भोग का अधिकार किसी को मिले, तो ऐसे लेनदेन को भी हस्तांतरण माना जाएगा.
•धारा 45(1A) के अतिरिक्त किसी बीमा कंपनी से क्षतिपूर्ति के रूप में अगर धनराशि प्राप्त हो, तो इस अवस्था में क्षतिग्रस्त बीमित संपत्ति को भी हस्तांतरित माना जाएगा.
¶ निम्नलिखित प्रकार के लेनदेनों को भी पूंजीगत संपत्तियों का हस्तांतरण माना जाता है...
• सलामी या प्रीमियम के बदले किसी खान का पट्टा या जमीन का हस्तांतरण
• किसी कंपनी के शेयरधारकों को भुगतान के फलस्वरूप शेयर कैपिटल में कमी
•किसी फर्म द्वारा प्रोपराइटरी व्यवसाय का अधिग्रहण
•किसी व्यक्ति द्वारा फर्म को पूंजीगत संपत्ति का हस्तांतरण
•फर्म डीजॉल्यूशन के समय पूंजीगत संपत्ति का बंटवारा
•धारा 10(23D) में निर्देशित म्युचुअल फंड या यूटीआई [धारा 45(6)] की इकाइयों का पुनः क्रय (repurchase) करना.
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