संक्षिप्त विवरण
इसके उपयोग से आप शिक्षण संस्थानों के शुल्क और नौकरी इत्यादि की परीक्षाओं के शुल्क भी जमा कर सकते हैं
आप विभिन्न करों का भुगतान कर सकते हैं, जैसे नगर पालिका कर, आयकर, इत्यादि|
इसकी सहायता से आप प्रीपेड मोबाइल, DTH, इत्यादि रचार्ज भी कर सकते हैं|
इसके जरिए आप कुछ गैर वित्तीय लेन-देन भी कर सकते हैं, जैसे चेक बुक के लिए आवेदन, डिमांड ड्राफ्ट के लिए आवेदन, डाक पता और ईमेल पता मे परिवर्तन, गमनशब्द यानी पासवर्ड में परिवर्तन, डेबिट कार्ड और ऑनलाइन फंड ट्रांसफर की सीमा में परिवर्तन, इत्यादि|
आप स्वतह बिल भुगतान सेवा यानी ऑटो बिल पेमेंट फसिलिटी का भी लाभ उठा सकते हैं| इससे आपके आवर्ती बिलों का भुगतान स्वतह ही होता रहेगा; और आपको छूट या कैशबैक भी मिल सकता है| बैंक इसके लिए बहुत कम चार्ज करते हैं; और कई बैंकों में यह सुविधा मुफ्त है|
प्रश्न. इसके लिए योग्य पात्र कौन हैं?
उत्तर. कोई भी सामान्य खाताधारक इस सुविधा के लिए आवेदन कर सकता है|
यह सुविधा भारत इत्यादि में व्यापारिक बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को प्रदान की जाती है| इसकी सहायता से कोई भी खाताधारक (व्यक्ति या संस्था) इंटरनेट के माध्यम से अपने खाता संबंधित जानकारियों को देख सकते हैं; और कुछ वित्तीय और गैर वित्तीय लेन-देन भी कर सकते हैं|
निन्नलिखित प्रश्नोत्तर इस विषय को और अधिक स्पष्ट करेंगे|
प्रश्न. इस सुविधा के व्यवहार से क्या-क्या लाभ हैं? मैं इससे क्या-क्या कर सकता हूं?
उत्तर. इसके व्यवहार से आप अपने बैंक खाता से संबंधित कई जानकारियां आसानी से हासिल कर सकते हैं| जैसे लेनदेन विवरण, शेष धनराशि, ब्याज प्रमाण पत्र, TDS प्रमाण पत्र, फॉर्म 26एएस, डेबिट कार्ड-ऑनलाइन फंड ट्रांसफर इत्यादि की अधिकतम सीमा इत्यादि की जांच करना|
इसके अलावा आप कुछ वित्तीय लेन-देन भी कर सकते हैं, जैसे अपने अन्य खातों में धनराशि का हस्तांतरण, जैसे पीपीएफ (लोक भविष्य निधि कोष) खाता, सुकन्या समृद्धि योजना, अन्य चालू खाता या आवर्ती जमा खाता, इत्यादि में आप धन हस्तांतरित कर सकते हैं|
इसके अलावा आप किसी अन्य व्यक्ति के बैंक खाता में भी धन हस्तांतरित कर सकते हैं इसके लिए आपको उस व्यक्ति के बैंक खाता की संख्या और आई एफ एस कोड (IFSC) या मोबाइल नंबर और MMID की आवश्यकता होगी|
इसके अलावा आप स्वयं ही आवर्ती जमा खाता (रेकरिंग डिपॉजिट) या सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) खाता खोल सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बंद भी कर सकते हैं|
इसके उपयोग से आप अपनी बीमा प्रीमियम, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, मोबाइल बिल, इत्यादि का भुगतान भी कर सकते हैं
इसके अलावा आप किसी अन्य व्यक्ति के बैंक खाता में भी धन हस्तांतरित कर सकते हैं इसके लिए आपको उस व्यक्ति के बैंक खाता की संख्या और आई एफ एस कोड (IFSC) या मोबाइल नंबर और MMID की आवश्यकता होगी|
इसके अलावा आप स्वयं ही आवर्ती जमा खाता (रेकरिंग डिपॉजिट) या सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) खाता खोल सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बंद भी कर सकते हैं|
इसके उपयोग से आप अपनी बीमा प्रीमियम, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, मोबाइल बिल, इत्यादि का भुगतान भी कर सकते हैं
इसके उपयोग से आप शिक्षण संस्थानों के शुल्क और नौकरी इत्यादि की परीक्षाओं के शुल्क भी जमा कर सकते हैं
आप विभिन्न करों का भुगतान कर सकते हैं, जैसे नगर पालिका कर, आयकर, इत्यादि|
इसकी सहायता से आप प्रीपेड मोबाइल, DTH, इत्यादि रचार्ज भी कर सकते हैं|
इसके जरिए आप कुछ गैर वित्तीय लेन-देन भी कर सकते हैं, जैसे चेक बुक के लिए आवेदन, डिमांड ड्राफ्ट के लिए आवेदन, डाक पता और ईमेल पता मे परिवर्तन, गमनशब्द यानी पासवर्ड में परिवर्तन, डेबिट कार्ड और ऑनलाइन फंड ट्रांसफर की सीमा में परिवर्तन, इत्यादि|
आप स्वतह बिल भुगतान सेवा यानी ऑटो बिल पेमेंट फसिलिटी का भी लाभ उठा सकते हैं| इससे आपके आवर्ती बिलों का भुगतान स्वतह ही होता रहेगा; और आपको छूट या कैशबैक भी मिल सकता है| बैंक इसके लिए बहुत कम चार्ज करते हैं; और कई बैंकों में यह सुविधा मुफ्त है|
प्रश्न. इसके लिए योग्य पात्र कौन हैं?
उत्तर. कोई भी सामान्य खाताधारक इस सुविधा के लिए आवेदन कर सकता है|
प्रश्न. इस सुविधा के उपयोग के लिए मेरे पास क्या क्या होना चाहिए?
उत्तर. इस सुविधा के उपयोग के लिए आपको एक कंप्यूटर/ लैपटॉप/ टैब/ स्मार्टफोन, इत्यादि और इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होगी.
प्रश्न. में यह सुविधा कैसे प्राप्त कर सकता हूं?
उत्तर. इस सुविधा के लिए आपको बैंक में एक उपयुक्त फॉर्म भरना होगा; और बैंक आपको आपका यूजर नेम और लॉग इन पासवर्ड और ट्रांजेक्शन पासवर्ड प्रदान करेगा|
इसके अलावा आप ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं| इस अवस्था में आपको खुद ही यूजर नेम और लॉग इन पासवर्ड और ट्रांजेक्शन पासवर्ड बनाना पड़ेगा|
प्रश्न. ऑनलाइन आवेदन की क्या विधि है? ऑनलाइन आवेदन कैसे किया जा सकता है?
उत्तर. इंटरनेट बैंकिंग या नेट बैंकिंग के लिए आप ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं| इसके लिए आपको बैंक के आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा; और आपको उपयुक्त विकल्प चुनना होगा | आपको अपना कस्टमर पहचान संख्या, खाता संख्या, डेबिट कार्ड नंबर, डेबिट कार्ड का एक्सपायरी डेट, डेबिट कार्ड पर मुद्रित नाम, CVV नंबर, अपना मोबाइल नंबर, जन्म तिथि, इत्यादि डालना पड़ेगा| आपको आपके मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड मिलेगा| इस वन टाइम पासवर्ड को आपको बैंक के वेबसाइट पर एंटर करना होगा| जिससे आपका यह क्रियाकलाप सत्यापित हो जाएगा| इस अवस्था में आपको अपना यूजर नेम खुद ही बनाना पड़ेगा|
कई बैंकों में कस्टमर आईडी को ही यूज़रनेम की तरह व्यवहार करना पड़ता है| आपको 2 पासवर्ड बनाने पड़ेंगे| 1 पासवर्ड लॉग इन करने के लिए और दूसरा पासवर्ड कई प्रकार के लेनदेन करने के लिए|
प्रश्न. दो पासवर्ड की क्या आवश्यकता है? क्या दोनों एक ही हो सकते हैं?
उत्तर. आपको दो पासवर्डस् की आवश्यकता आप की ही सुरक्षा के लिए होती है| 1 पासवर्ड की आवश्यकता इंटरनेट बैंकिंग में लोगिन के लिए, और दूसरे पासवर्ड की आवश्यकता कई प्रकार के वित्तीय और गैर वित्तीय लेनदेन करने के लिए होता है|
नहीं, दोनों पासवर्ड एक ही नहीं हो सकते हैं| एक ही प्रकार के पासवर्ड बनाने से आपके इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का दुरुपयोग किया जा सकता है| इस पासवर्ड का उपयोग फंड ट्रांसफर, पेई रजिस्ट्रेशन, बिल पेमेंट, डाक पता और ईमेल पता में परिवर्तन, डेबिट कार्ड और ऑनलाइन लेनदेन की सीमाओं में परिवर्तन, इत्यादि के लिए किया जाता है|
प्रश्न. एक मजबूत गुप्त शब्द या स्ट्रांग पासवर्ड कैसे बनाया जा सकता है?
उत्तर. एक मजबूत गुप्त शब्द बनाने के लिए कृपया एक बड़ा अक्षर, कुछ छोटे अक्षर, कुछ विशेष अक्षर, और कुछ संख्या का व्यवहार करें| कभी भी अपनी जन्मतिथि, गाड़ी का नंबर, मोबाइल नंबर, घर का नंबर, इत्यादि का उपयोग अपने पासवर्ड में ना करें| जिससे किसी के लिए पासवर्ड की कल्पना करना आसान ना हो|
प्रश्न. मैं यह सारे कार्य बैंक की शाखा या ATM में जाकर कर सकता हूं| तो मुझे इंटरनेट बैंकिंग सुविधा की आवश्यकता क्यों पड़ेगी?
उत्तर. यह सही है कि आप अधिकतर कार्य बैंक की शाखा या ATM में कर सकते हैं| लेकिन इसके लिए आपको समय, ऊर्जा (एनर्जी), इत्यादि खर्च करना पड़ेगा. लेकिन इंटरनेट बैंकिंग की सहायता से आपके सारे कार्य घर या कार्यालय में बैठकर भी अपने कंप्यूटर या स्मार्टफोन की सहायता से कर सकते हैं| आप मोबाइल रिचार्ज इत्यादि ATM में भी कर सकते हैं लेकिन आप कई अन्य कार्य ATM में नहीं कर सकते जैसे डेबिट कार्ड या ऑनलाइन बैंकिंग के लेनदेन की सीमा में परिवर्तन; और किसी अन्य व्यक्ति को विलंबित (शेड्यूल्ड) धन हस्तांतरण इत्यादि| क्योंकि शाखा या ATM में केवल तत्काल फंड ट्रांसफर किया जा सकता है, विलंबित ट्रांसफर नहीं|
इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा से आप बिलों का भुगतान, मोबाइल या डीटीएच रिचार्ज कर सकते हैं| और आपको अतिरिक्त छूट या कैशबैक, रिवॉर्ड प्वाइंट भी मिलता है| जो आपको एटीएम या शाखा में नहीं मिलता|
प्रश्न. इंटरनेट बैंकिंग की सुरक्षा के लिए किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?
उत्तर. निम्नलिखित बातों का ध्यान रखने से इंटरनेट बैंकिंग का दुरुपयोग होने की संभावना न्यूनतम हो जाती है|
कृपया बैंक का URL खुद लिखे किसी भी लिंक इत्यादि पर क्लिक ना करें. हमेशा ध्यान रखें कि वेब एड्रेस https से आरंभ हो रहा है, और ग्रीन पैड लॉक आइकॉन सक्रिय है|
कभी भी अपने पासवर्ड को किसी भी व्यक्ति के साथ साझा न करें.
कभी भी अपना एटीएम या डेबिट कार्ड, मोबाइल, पिन इत्यादि एक साथ न रखें.
कभी भी अपने पासवर्ड को या पिन को ना लिखे. इन्हें हमेशा याद कर लें.
अगर असामान्य समय तक आपके मोबाइल का सिग्नल ना दिखे, तो सेवा प्रदान करने वाली कंपनी से इसके कारणों की जांच करें. आपका SIM का धोखाधड़ी के लिए क्लोनिंग किया जा सकता है.
कभी भी साझा नेटवर्क पर या साझा डिवाइस पर इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा नहीं ले. हमेशा अपने व्यक्तिगत डिवाइस और व्यक्तिगत नेटवर्क या सुरक्षित नेटवर्क का ही उपयोग करें.
अपने पासवर्ड को बहुत आसान न बनाएं और इन्हें नियमित रूप से बदलते रहें.
इन सब बातों का ध्यान रखने से दुरूपयोग/धोखाधड़ी की संभावनाएं कम हो सकती हैं.
प्रश्न. इसमें क्या-क्या जोखिम है?
उत्तर. अगर ऊपर के दिए गए सुझाव का पालन किया जाए, तो दुरूपयोग या धोखाधड़ी की संभावनाएं न्यूनतम हो जाती है. लेकिन खबरों के अनुसार कुछ धोखाधड़ी विश्व में होती रहती है. इन धोखाधड़ी की कार्यविधियां अभी तक साधारण जनता को पूर्ण रूप से ज्ञात नहीं है.
अगर कोई आपके यूजर नेम और पासवर्ड को जान भी जाता है, तो भी वह किसी अन्य व्यक्ति व संस्था को धन हस्तांतरित नहीं कर सकता है. क्योंकि इसके लिए उसे या तो आपका डेबिट कार्ड या आप का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या दोनों की आवश्यकता होगी. क्योंकि कई बैंक ग्रिड वाले कार्ड जारी करते हैं. जिनके पीछे कुछ अक्षर अंकित जाते हैं. ऑनलाइन लेन देन के समय इनमें से कुछ अक्षरों को डालना पड़ता है. इसके अलावा आपकी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड भी आ सकता है. इस पासवर्ड का उपयोग आप अपने ऑनलाइन लेनदेन के सत्यापन के लिए करेंगे. इनकी अभाव में आपका कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सफल नहीं हो पायेगा.
अगर आप किसी को भी धन हस्तांतरित करना चाहते हैं, तो उन्हें भी आपको रजिस्टर करना पड़ता है. इसके लिए भी आपके मोबाइल पर एक वन टाइम पासवर्ड आता है. जिसके आभाव में आप उन्हें रजिस्टर भी नहीं कर पाएंगे. अगर किसी ने किसी प्रकार रजिस्टर कर भी लिया, तो भी उन्हें तुरंत धन हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. क्योंकि इसके लिए विभिन्न बैंकों में 4 घंटे से 48 घंटे तक का समय लिया जाता है. इसके बाद ही यह सक्रिय होते हैं. और तब जाकर ही धन भेजा जा सकता है. सक्रिय होने तक रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कई बार संदेश भेजे जाते हैं; और रजिस्टर्ड ईमेल एड्रेस पर भी ईमेल भेजे जा सकते हैं. जिससे वास्तविक खाता धारक सजग हो जाता है. और किसी भी दुरुपयोग या धोखाधड़ी की संभावना होने से अपने बैंक को इसकी जानकारी देता है. जिससे उसकी इंटरनेट बैंकिंग सुविधा को अल्पकाल या दीर्घकाल के लिए निष्क्रिय कर दिया जाता है. इस प्रकार इंटरनेट बैंकिंग का दुरूपयोग करके धोखाधड़ी करना अगर असंभव नहीं, तो बहुत कठिन अवश्य है.
प्रश्न. जोखिम की संभावना कितनी है?
उत्तर. समाचार माध्यमों के अनुसार ऑनलाइन धोखाधड़ी की संख्या नगण्य है. फिर भी आपको इस सूचना का सत्यापन स्वतंत्र और विश्वसनीय स्रोतों से कर लेना चाहिए. क्योंकि मेरी हर बात पर आंख बंद करके विश्वास करने की कोई आवश्यकता नहीं है.
प्रश्न. क्या आप खुद भी इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा का उपयोग करते हैं? अगर हां, तो कितने समय से?
उत्तर. मैं व्यक्तिगत रूप से लगभग एक दशक से इस सुविधा का उपयोग कर रहा हूं. लेकिन मैं यह भी ध्यान दिलाना चाहता हूं कि मैं उपरोक्त सावधानियों का हर समय यथासंभव ध्यान रखता हूं.
प्रश्न. क्या आप किसी को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं जो इंटरनेट या ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी का शिकार हुआ हो?
उत्तर. नहीं, मैं व्यक्तिगत रुप से किसी व्यक्ति को नहीं जानता; और मैंने इस प्रकार की धोखाधड़ी की जितनी खबरें पढ़ी हैं वह सभी शायद विदेशों से ही आई थी.
प्रश्न. हर सावधानी का ध्यान रखने के बावजूद मेरे इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का दुरुपयोग धन हस्तांतरित या खर्च करने के लिए किया गया. मुझे क्या करना चाहिए?
उत्तर. इस दुर्घटना की जानकारी आप सर्वप्रथम अपने बैंक और पुलिस को दें. अपने इंटरनेट बैंकिंग के पासवर्ड बदलने की कोशिश करें. अगर आप ऐसा कर पाते हैं, तो आगे से होने वाली धोखाधडी की संभावना कम हो सकती है.
इसकी जानकारी मिलने के बाद बैंक आपके इंटरनेट बैंकिंग सुविधा को निष्क्रिय कर देगा. जिससे आगे से कोई भी व्यक्ति आपके इस सुविधा का दुरुपयोग आपके साथ धोखाधड़ी के लिए नहीं कर पाएगा.
बैंक और पुलिस इस धोखाधड़ी का अनुसंधान करेंगे. और इसके अंत में आपको आपका धन वापस मिल सकता है. क्योंकि धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए धन को रखने का अधिकार किसी को नहीं है. इसलिए जिन्हें भी आपका धन किसी भी प्रकार से प्राप्त हुआ होगा, उन्हें आपका धन लौटना पड़ेगा.
प्रश्न. क्या यह देश और अर्थव्यवस्था के लिए हितकारी है?
उत्तर. हां, देश और अर्थव्यवस्था के लिए यह सुविधा गुणकारी है. क्योंकि इसके उपयोग से खाताधारक कई प्रकार के लेनदेन खुद ही कर लेते हैं. जिससे बैंक की शाखाओं पर भार घटता है. इस प्रकार बैंक अपने ब्रांच ऑपरेशंस पर कई प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष खर्च की बचत करते हैं. इस बचत का उपयोग बेहतर टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए करते हैं. जिससे आपका बैंकिंग अनुभव और भी अच्छा होता जाता है. और आप को बेहतर सेवाएं मिलती है.
इसके उपयोग से नगद यानी काला धन का उपयोग घटने लगता है. और सरकार द्वारा कर की उगाही (टैक्स कलेक्शन) में वृद्धि होती है. इस धन का उपयोग सरकार जनकल्याण और बुनियादी रचनाओं की स्थापना में करते हैं. इससे मांग में वृद्धि होती है और अर्थव्यवस्था का विकास होता है.
प्रश्न. क्या यह जोखिम उठाने लायक है?
उत्तर. कृपया इस ब्लॉग को आप फिर से पढ़े और अपने प्रश्न का उत्तर खुद ही दे. क्योंकि यह आपका धन है, और आपका जीवन.
टिप्पणी:
इस ब्लॉक का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को इस सेवा के व्यवहार के लिए उत्साहित या हतोत्साहित करना नहीं है. यह ब्लॉग केवल पाठकों को मेरे विचारों से अवगत कराने के लिए है. कृपया कोई भी निर्णय लेने से पहले प्रत्येक जानकारियों का सत्यापन स्वतंत्र और विश्वसनीय स्रोतों से अवश्य कर लें.
IFSC या IFS कोड
यह एक अल्फा-न्यूमेरिक कोड है; जो किसी भी बैंक शाखा का इलेक्ट्रॉनिक पता है. यह 11 अक्षरों और संख्याओं का होता है. इसके पहले चार अक्षर और फिर 7 अंक होते हैं. यह आपके पासबुक, चेक बुक, और बैंक से प्राप्त अन्य पत्रों में अंकित रहता है.
उत्तर. इस सुविधा के उपयोग के लिए आपको एक कंप्यूटर/ लैपटॉप/ टैब/ स्मार्टफोन, इत्यादि और इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होगी.
प्रश्न. में यह सुविधा कैसे प्राप्त कर सकता हूं?
उत्तर. इस सुविधा के लिए आपको बैंक में एक उपयुक्त फॉर्म भरना होगा; और बैंक आपको आपका यूजर नेम और लॉग इन पासवर्ड और ट्रांजेक्शन पासवर्ड प्रदान करेगा|
इसके अलावा आप ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं| इस अवस्था में आपको खुद ही यूजर नेम और लॉग इन पासवर्ड और ट्रांजेक्शन पासवर्ड बनाना पड़ेगा|
प्रश्न. ऑनलाइन आवेदन की क्या विधि है? ऑनलाइन आवेदन कैसे किया जा सकता है?
उत्तर. इंटरनेट बैंकिंग या नेट बैंकिंग के लिए आप ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं| इसके लिए आपको बैंक के आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा; और आपको उपयुक्त विकल्प चुनना होगा | आपको अपना कस्टमर पहचान संख्या, खाता संख्या, डेबिट कार्ड नंबर, डेबिट कार्ड का एक्सपायरी डेट, डेबिट कार्ड पर मुद्रित नाम, CVV नंबर, अपना मोबाइल नंबर, जन्म तिथि, इत्यादि डालना पड़ेगा| आपको आपके मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड मिलेगा| इस वन टाइम पासवर्ड को आपको बैंक के वेबसाइट पर एंटर करना होगा| जिससे आपका यह क्रियाकलाप सत्यापित हो जाएगा| इस अवस्था में आपको अपना यूजर नेम खुद ही बनाना पड़ेगा|
कई बैंकों में कस्टमर आईडी को ही यूज़रनेम की तरह व्यवहार करना पड़ता है| आपको 2 पासवर्ड बनाने पड़ेंगे| 1 पासवर्ड लॉग इन करने के लिए और दूसरा पासवर्ड कई प्रकार के लेनदेन करने के लिए|
प्रश्न. दो पासवर्ड की क्या आवश्यकता है? क्या दोनों एक ही हो सकते हैं?
उत्तर. आपको दो पासवर्डस् की आवश्यकता आप की ही सुरक्षा के लिए होती है| 1 पासवर्ड की आवश्यकता इंटरनेट बैंकिंग में लोगिन के लिए, और दूसरे पासवर्ड की आवश्यकता कई प्रकार के वित्तीय और गैर वित्तीय लेनदेन करने के लिए होता है|
नहीं, दोनों पासवर्ड एक ही नहीं हो सकते हैं| एक ही प्रकार के पासवर्ड बनाने से आपके इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का दुरुपयोग किया जा सकता है| इस पासवर्ड का उपयोग फंड ट्रांसफर, पेई रजिस्ट्रेशन, बिल पेमेंट, डाक पता और ईमेल पता में परिवर्तन, डेबिट कार्ड और ऑनलाइन लेनदेन की सीमाओं में परिवर्तन, इत्यादि के लिए किया जाता है|
प्रश्न. एक मजबूत गुप्त शब्द या स्ट्रांग पासवर्ड कैसे बनाया जा सकता है?
उत्तर. एक मजबूत गुप्त शब्द बनाने के लिए कृपया एक बड़ा अक्षर, कुछ छोटे अक्षर, कुछ विशेष अक्षर, और कुछ संख्या का व्यवहार करें| कभी भी अपनी जन्मतिथि, गाड़ी का नंबर, मोबाइल नंबर, घर का नंबर, इत्यादि का उपयोग अपने पासवर्ड में ना करें| जिससे किसी के लिए पासवर्ड की कल्पना करना आसान ना हो|
प्रश्न. मैं यह सारे कार्य बैंक की शाखा या ATM में जाकर कर सकता हूं| तो मुझे इंटरनेट बैंकिंग सुविधा की आवश्यकता क्यों पड़ेगी?
उत्तर. यह सही है कि आप अधिकतर कार्य बैंक की शाखा या ATM में कर सकते हैं| लेकिन इसके लिए आपको समय, ऊर्जा (एनर्जी), इत्यादि खर्च करना पड़ेगा. लेकिन इंटरनेट बैंकिंग की सहायता से आपके सारे कार्य घर या कार्यालय में बैठकर भी अपने कंप्यूटर या स्मार्टफोन की सहायता से कर सकते हैं| आप मोबाइल रिचार्ज इत्यादि ATM में भी कर सकते हैं लेकिन आप कई अन्य कार्य ATM में नहीं कर सकते जैसे डेबिट कार्ड या ऑनलाइन बैंकिंग के लेनदेन की सीमा में परिवर्तन; और किसी अन्य व्यक्ति को विलंबित (शेड्यूल्ड) धन हस्तांतरण इत्यादि| क्योंकि शाखा या ATM में केवल तत्काल फंड ट्रांसफर किया जा सकता है, विलंबित ट्रांसफर नहीं|
इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा से आप बिलों का भुगतान, मोबाइल या डीटीएच रिचार्ज कर सकते हैं| और आपको अतिरिक्त छूट या कैशबैक, रिवॉर्ड प्वाइंट भी मिलता है| जो आपको एटीएम या शाखा में नहीं मिलता|
प्रश्न. इंटरनेट बैंकिंग की सुरक्षा के लिए किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?
उत्तर. निम्नलिखित बातों का ध्यान रखने से इंटरनेट बैंकिंग का दुरुपयोग होने की संभावना न्यूनतम हो जाती है|
कृपया बैंक का URL खुद लिखे किसी भी लिंक इत्यादि पर क्लिक ना करें. हमेशा ध्यान रखें कि वेब एड्रेस https से आरंभ हो रहा है, और ग्रीन पैड लॉक आइकॉन सक्रिय है|
कभी भी अपने पासवर्ड को किसी भी व्यक्ति के साथ साझा न करें.
कभी भी अपना एटीएम या डेबिट कार्ड, मोबाइल, पिन इत्यादि एक साथ न रखें.
कभी भी अपने पासवर्ड को या पिन को ना लिखे. इन्हें हमेशा याद कर लें.
अगर असामान्य समय तक आपके मोबाइल का सिग्नल ना दिखे, तो सेवा प्रदान करने वाली कंपनी से इसके कारणों की जांच करें. आपका SIM का धोखाधड़ी के लिए क्लोनिंग किया जा सकता है.
कभी भी साझा नेटवर्क पर या साझा डिवाइस पर इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा नहीं ले. हमेशा अपने व्यक्तिगत डिवाइस और व्यक्तिगत नेटवर्क या सुरक्षित नेटवर्क का ही उपयोग करें.
अपने पासवर्ड को बहुत आसान न बनाएं और इन्हें नियमित रूप से बदलते रहें.
इन सब बातों का ध्यान रखने से दुरूपयोग/धोखाधड़ी की संभावनाएं कम हो सकती हैं.
प्रश्न. इसमें क्या-क्या जोखिम है?
उत्तर. अगर ऊपर के दिए गए सुझाव का पालन किया जाए, तो दुरूपयोग या धोखाधड़ी की संभावनाएं न्यूनतम हो जाती है. लेकिन खबरों के अनुसार कुछ धोखाधड़ी विश्व में होती रहती है. इन धोखाधड़ी की कार्यविधियां अभी तक साधारण जनता को पूर्ण रूप से ज्ञात नहीं है.
अगर कोई आपके यूजर नेम और पासवर्ड को जान भी जाता है, तो भी वह किसी अन्य व्यक्ति व संस्था को धन हस्तांतरित नहीं कर सकता है. क्योंकि इसके लिए उसे या तो आपका डेबिट कार्ड या आप का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या दोनों की आवश्यकता होगी. क्योंकि कई बैंक ग्रिड वाले कार्ड जारी करते हैं. जिनके पीछे कुछ अक्षर अंकित जाते हैं. ऑनलाइन लेन देन के समय इनमें से कुछ अक्षरों को डालना पड़ता है. इसके अलावा आपकी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड भी आ सकता है. इस पासवर्ड का उपयोग आप अपने ऑनलाइन लेनदेन के सत्यापन के लिए करेंगे. इनकी अभाव में आपका कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सफल नहीं हो पायेगा.
अगर आप किसी को भी धन हस्तांतरित करना चाहते हैं, तो उन्हें भी आपको रजिस्टर करना पड़ता है. इसके लिए भी आपके मोबाइल पर एक वन टाइम पासवर्ड आता है. जिसके आभाव में आप उन्हें रजिस्टर भी नहीं कर पाएंगे. अगर किसी ने किसी प्रकार रजिस्टर कर भी लिया, तो भी उन्हें तुरंत धन हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. क्योंकि इसके लिए विभिन्न बैंकों में 4 घंटे से 48 घंटे तक का समय लिया जाता है. इसके बाद ही यह सक्रिय होते हैं. और तब जाकर ही धन भेजा जा सकता है. सक्रिय होने तक रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कई बार संदेश भेजे जाते हैं; और रजिस्टर्ड ईमेल एड्रेस पर भी ईमेल भेजे जा सकते हैं. जिससे वास्तविक खाता धारक सजग हो जाता है. और किसी भी दुरुपयोग या धोखाधड़ी की संभावना होने से अपने बैंक को इसकी जानकारी देता है. जिससे उसकी इंटरनेट बैंकिंग सुविधा को अल्पकाल या दीर्घकाल के लिए निष्क्रिय कर दिया जाता है. इस प्रकार इंटरनेट बैंकिंग का दुरूपयोग करके धोखाधड़ी करना अगर असंभव नहीं, तो बहुत कठिन अवश्य है.
प्रश्न. जोखिम की संभावना कितनी है?
उत्तर. समाचार माध्यमों के अनुसार ऑनलाइन धोखाधड़ी की संख्या नगण्य है. फिर भी आपको इस सूचना का सत्यापन स्वतंत्र और विश्वसनीय स्रोतों से कर लेना चाहिए. क्योंकि मेरी हर बात पर आंख बंद करके विश्वास करने की कोई आवश्यकता नहीं है.
प्रश्न. क्या आप खुद भी इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा का उपयोग करते हैं? अगर हां, तो कितने समय से?
उत्तर. मैं व्यक्तिगत रूप से लगभग एक दशक से इस सुविधा का उपयोग कर रहा हूं. लेकिन मैं यह भी ध्यान दिलाना चाहता हूं कि मैं उपरोक्त सावधानियों का हर समय यथासंभव ध्यान रखता हूं.
प्रश्न. क्या आप किसी को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं जो इंटरनेट या ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी का शिकार हुआ हो?
उत्तर. नहीं, मैं व्यक्तिगत रुप से किसी व्यक्ति को नहीं जानता; और मैंने इस प्रकार की धोखाधड़ी की जितनी खबरें पढ़ी हैं वह सभी शायद विदेशों से ही आई थी.
प्रश्न. हर सावधानी का ध्यान रखने के बावजूद मेरे इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का दुरुपयोग धन हस्तांतरित या खर्च करने के लिए किया गया. मुझे क्या करना चाहिए?
उत्तर. इस दुर्घटना की जानकारी आप सर्वप्रथम अपने बैंक और पुलिस को दें. अपने इंटरनेट बैंकिंग के पासवर्ड बदलने की कोशिश करें. अगर आप ऐसा कर पाते हैं, तो आगे से होने वाली धोखाधडी की संभावना कम हो सकती है.
इसकी जानकारी मिलने के बाद बैंक आपके इंटरनेट बैंकिंग सुविधा को निष्क्रिय कर देगा. जिससे आगे से कोई भी व्यक्ति आपके इस सुविधा का दुरुपयोग आपके साथ धोखाधड़ी के लिए नहीं कर पाएगा.
बैंक और पुलिस इस धोखाधड़ी का अनुसंधान करेंगे. और इसके अंत में आपको आपका धन वापस मिल सकता है. क्योंकि धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए धन को रखने का अधिकार किसी को नहीं है. इसलिए जिन्हें भी आपका धन किसी भी प्रकार से प्राप्त हुआ होगा, उन्हें आपका धन लौटना पड़ेगा.
प्रश्न. क्या यह देश और अर्थव्यवस्था के लिए हितकारी है?
उत्तर. हां, देश और अर्थव्यवस्था के लिए यह सुविधा गुणकारी है. क्योंकि इसके उपयोग से खाताधारक कई प्रकार के लेनदेन खुद ही कर लेते हैं. जिससे बैंक की शाखाओं पर भार घटता है. इस प्रकार बैंक अपने ब्रांच ऑपरेशंस पर कई प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष खर्च की बचत करते हैं. इस बचत का उपयोग बेहतर टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए करते हैं. जिससे आपका बैंकिंग अनुभव और भी अच्छा होता जाता है. और आप को बेहतर सेवाएं मिलती है.
इसके उपयोग से नगद यानी काला धन का उपयोग घटने लगता है. और सरकार द्वारा कर की उगाही (टैक्स कलेक्शन) में वृद्धि होती है. इस धन का उपयोग सरकार जनकल्याण और बुनियादी रचनाओं की स्थापना में करते हैं. इससे मांग में वृद्धि होती है और अर्थव्यवस्था का विकास होता है.
प्रश्न. क्या यह जोखिम उठाने लायक है?
उत्तर. कृपया इस ब्लॉग को आप फिर से पढ़े और अपने प्रश्न का उत्तर खुद ही दे. क्योंकि यह आपका धन है, और आपका जीवन.
टिप्पणी:
इस ब्लॉक का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को इस सेवा के व्यवहार के लिए उत्साहित या हतोत्साहित करना नहीं है. यह ब्लॉग केवल पाठकों को मेरे विचारों से अवगत कराने के लिए है. कृपया कोई भी निर्णय लेने से पहले प्रत्येक जानकारियों का सत्यापन स्वतंत्र और विश्वसनीय स्रोतों से अवश्य कर लें.
IFSC या IFS कोड
यह एक अल्फा-न्यूमेरिक कोड है; जो किसी भी बैंक शाखा का इलेक्ट्रॉनिक पता है. यह 11 अक्षरों और संख्याओं का होता है. इसके पहले चार अक्षर और फिर 7 अंक होते हैं. यह आपके पासबुक, चेक बुक, और बैंक से प्राप्त अन्य पत्रों में अंकित रहता है.
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