संक्षिप्त विवरण
यह भारतीयों के लिए एक निवेश का विकल्प है. यह ग्राहकों को 15 वर्ष की अवधि तक बचत करने और कर बचाने में मदद कर सकता है. इसे साधारण बोलचाल की भाषा में पीपीएफ (PPF) के नाम से भी जाना जाता है.
प्रश्न. कौन इसके लिए योग्य पात्र हैं?
उत्तर. कोई भी भारतीय लोक भविष्य निधि खाता खुला सकता है. वह अपने बच्चों के नाम में भी यह खाता खुला सकते हैं. लेकिन एक बच्चे के नाम पर केवल एक ही अभिभावक यह खाता खुला सकते हैं?
प्रश्न. यह खाता कहां खोला जा सकता है? और इसके लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं?
उत्तर. भारतीय डाक और भारतीय स्टेट बैंक के सभी शाखाओं में और अन्य सूचीबद्ध (शेड्यूल्ड) बैंकों, जैसे आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इत्यादि के कुछ शाखाओं में यह खाता खुलवाया जा सकता है.
यह खाता खुलवाने के लिए पता और पहचान का मान्य प्रमाण, पासपोर्ट आकार की छवि आवश्यक है. इस के लिए पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) अनिवार्य है.
बच्चों के मामले में जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार की छवि और अभिभावक का पता और पहचान का मान्य प्रमाण आवश्यक है.
प्रश्न. क्या ग्राहकों को पासबुक मिलेगा?
उत्तर. हां.
प्रश्न. क्या इस में नामांकन सुविधा उपलब्ध है?
उत्तर. हां, इसमें नामांकन सुविधा उपलब्ध है. इसमें आप एक से अधिक व्यक्तियों को भी नामांकित कर सकते हैं. इस अवस्था में उनकी हिस्सेदारी भी आपको निर्धारित करनी होगी.
प्रश्न. कितना और कितनी बार इस खाता में धन जमा किया जा सकता है?
उत्तर. वर्ष में 12 बार न्यूनतम ₹500 से अधिकतम डेढ़ लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं. धन राशि पांच के गुणनफल में होनी चाहिए. किसी भी ग्राहक का कुल जमा 1 वर्ष में (अपने बच्चे के खाते में जमा की गई राशि के साथ) डेढ़ लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए.
1 वर्ष में एक खाता में 12 बार धन जमा किया जा सकता है.
प्रश्न. धन कब जमा किया जा सकता है?
उत्तर. धन किसी भी समय अपनी इच्छा अनुसार जमा किया जा सकता है. लेकिन किसी भी महीने के 5 तारीख के बाद जमा किए गए धन पर उस महीने के शेष दिनों का कोई ब्याज नहीं मिलता है. इसलिए किसी भी महीने 5 तारीख से पहले धन जमा करना उचित है.
प्रश्न. इसके द्वारा कर लाभ कैसे मिलता है?
उत्तर. इस खाते में जमा धनराशि को किसी व्यक्ति के कुल आय से घटा दिया जाता है. इस प्रकार कर मे बचत होती है. इस प्रकार आप जितनी राशि इस खाते में जमा करते हैं उसका कम से कम 10% कर में बचत होती है. इस खाता में अर्जित ब्याज और परिपक्वता में प्राप्त धनराशि भी कर-मुक्त होती है.
प्रश्न. कब और कितना ब्याज एक खाता धारक को प्राप्त होगा?
उत्तर. वर्तमान समय में ब्याज दर 8.1 प्रतिशत है. ब्याज दर प्रतिवर्ष केंद्रीय बजट में निर्धारित किया जाता है. हालांकि वर्तमान समाचारों के अनुसार प्रत्येक तिमाही में इस खाता का ब्याज दर निर्धारित किया जाएगा.
ब्याज वर्ष में केवल एक बार 31 मार्च को प्राप्त होता है, यानी खाता में क्रेडिट किया जाता है.
प्रश्न. इस खाता में लचीलापन और तरलता कितनी है? यानी आवश्यकता पड़ने पर कितनी आसानी से इसमें से धन निकाला जा सकता है?
उत्तर. इस खाता में कोई भी धनराशि वर्ष में 12 बार नगद, चेक या ऑनलाइन के द्वारा भुगतान किया जा सकता है. अगर किसी वर्ष आप धन जमा ना कर पाए, तो किसी भी वर्ष मात्र ₹50 प्रतिवर्ष के दर से जुर्माने के साथ आप न्यूनतम जमा राशि यानी ₹500 प्रति वर्ष की दर से देकर खाता को पुनर्जीवित कर सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर कोई 4 वर्षों तक इस खाता में धन नहीं जमा कर सका, तो उसे 50 रुपए की दर से 4 वर्षो का हर्जाना 200रुपए और 4 वर्षों का न्यूनतम जमा राशि ₹500 की दर से ₹2000 जमा करने पड़ेंगे.
खाता खुलवाने से लेकर 6 वर्ष तक ऋण लिया जा सकता है, और 6 वर्ष के पश्चात आंशिक रुप से धन निकाला जा सकता है.
वर्तमान कर कानून आपातकाल की स्थिति में इस खाता को बंद कराने की भी अनुमति देते हैं. लेकिन इस अवस्था में ब्याज दर में 1% की कमी कर दी जाती है
प्रश्न. क्या इसका काल परिपक्वता के बाद भी बढ़ाया (विस्तारित किया) जा सकता है?
उत्तर. परिपक्वता के बाद 5 वर्षों के लिए इसका काल बढ़ाया जा सकता है. यह सुविधा कई बार प्राप्त की जा सकती है. हालांकि विस्तारित काल में धनराशि जमा करने की बाध्यता नहीं होती है. यह ग्राहक की इच्छा के ऊपर है कि वह इसमें धन जमा करें या ना करें. इस विस्तारित (यानी एक्सटेंडेड) काल में कोई भी ग्राहक प्रतिवर्ष जमा धनराशि का 50% तक निकाल सकता है.
अगर कोई ग्राहक निकाली गई धनराशि को पुनः इस खाता में जमा करता है, तो भी उसे कर में छूट मिलता है.
प्रश्न. भुगतान के क्या-क्या विकल्प है?
उत्तर. इस खाता में धन नगद, चेक या ऑनलाइन माध्यमों से जमा किया जा सकता है. अगर रोकड़ जमा किया गया, तो धनराशि उसी दिन खाता में जमा यानी क्रेडिट कर दी जाती है. चेक की धनराशि प्राप्त करने में बैंक को लगभग 5 दिन तक लग सकते हैं. ऑनलाइन भुगतान में खाता उचित समय पर धन प्राप्त होने के बाद क्रेडिट कर दिया जाता है.
प्रश्न. क्या इस से कोई अन्य लाभ है?
उत्तर. इस खाता को किसी न्यायालय के आदेश पर भी जप्त नहीं किया जा सकता है. लेकिन कर चोरी (टैक्स चोरी) के मामले की अनुसंधान के समय कर विभाग इस खाता को अपने अधीन कर सकता है.
प्रश्न. क्या इस खाता को किसी एक डाकघर या बैंक से अन्य डाकघर या बैंक में स्थानांतरित किया जा सकता है?
उत्तर. हां, इस खाता को एक बैंक से दूसरे बैंक या एक डाकघर से दूसरे डाकघर या किसी बैंक या डाकघर की एक शाखा से दूसरी शाखा में हस्तांतरित किया जा सकता है. किसी डाकघर से बैंक और बैंक से डाक घर में भी हस्तांतरित किया जा सकता है.
प्रश्न. इस खाता को किसी बच्चे के नाम पर खोलने की क्या आवश्यकता हो सकती है?
उत्तर. अगर आप ऐसा करें तब आपके बच्चे को आपकी तरह 15 वर्षों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. जब वे कमाना आरंभ करेंगे, तब तक यह खाता लगभग 10 वर्ष पुराना हो चुका होगा. इस प्रकार उन्हें केवल 5 वर्ष की अपेक्षा करनी होगी. और वह कर भी बचा पाएंगे. इस प्रकार बची हुई धन राशि का उपयोग वह अपनी उच्च शिक्षा, घर खरीदने, विवाह या विदेश भ्रमण के लिए कर पाएंगे.
प्रश्न. क्या मैं इस खाता को इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन देख सकता हूं?
उत्तर. हां, कई बैंक यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं.
प्रश्न. मेरा धन कहां जाता है? इसे कौन रखता है?
उत्तर. आपका धन केंद्र सरकार के खाते में जमा किया जाता है. कोई भी बैंक या डाकघर (पोस्ट ऑफिस) सिर्फ धन प्राप्त करने के अभिकर्ता के रूप में कार्य करता है. और आप का लेन-देन का अभिलेख सुरक्षित रखता है.
प्रश्न. इस खाता के लिए कौन अधिक बेहतर है? डाकघर या बैंक?
उत्तर. कानूनी रुप से दोनों ही समान है. लेकिन ग्राहक सेवा के नजर से दोनों में अंतर है. इसलिए आप वही बैंक या डाकघर चुने जो आपके लिए सबसे उपयुक्त हो. बैंक आजकल बेहतर तकनीक और चेक क्लीयरिंग सिस्टम का व्यवहार करते हैं.
प्रश्न. इस ब्लॉग का उद्देश्य क्या है?
उत्तर. इस ब्लॉग का उद्देश्य पाठकों को सूचना प्रदान करना है. मेरी यह इच्छा नहीं है कि मैं किसी को यह खाता खोलने के लिए प्रोत्साहित या हतोत्साहित करूं. क्योंकि यह धन का मामला है इसलिए प्रत्येक सूचनाओं की पड़ताल स्वतंत्र और विश्वसनीय स्रोतों से अवश्य कर ले.
इन सूचनाओं का सत्यापन विभिन्न बैंकों या डाकघर के वेबसाइट पर उपलब्ध सूचनाओं से भी किया जा सकता है.
टिप्पणी:
कृपया इस ब्लॉग के प्रत्येक वाक्य के अंत में व्यवहार किए गए बिंदी को पूर्ण विराम यानी खड़ी पाई माने. धन्यवाद.
यह भारतीयों के लिए एक निवेश का विकल्प है. यह ग्राहकों को 15 वर्ष की अवधि तक बचत करने और कर बचाने में मदद कर सकता है. इसे साधारण बोलचाल की भाषा में पीपीएफ (PPF) के नाम से भी जाना जाता है.
प्रश्न. कौन इसके लिए योग्य पात्र हैं?
उत्तर. कोई भी भारतीय लोक भविष्य निधि खाता खुला सकता है. वह अपने बच्चों के नाम में भी यह खाता खुला सकते हैं. लेकिन एक बच्चे के नाम पर केवल एक ही अभिभावक यह खाता खुला सकते हैं?
प्रश्न. यह खाता कहां खोला जा सकता है? और इसके लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं?
उत्तर. भारतीय डाक और भारतीय स्टेट बैंक के सभी शाखाओं में और अन्य सूचीबद्ध (शेड्यूल्ड) बैंकों, जैसे आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इत्यादि के कुछ शाखाओं में यह खाता खुलवाया जा सकता है.
यह खाता खुलवाने के लिए पता और पहचान का मान्य प्रमाण, पासपोर्ट आकार की छवि आवश्यक है. इस के लिए पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) अनिवार्य है.
बच्चों के मामले में जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार की छवि और अभिभावक का पता और पहचान का मान्य प्रमाण आवश्यक है.
प्रश्न. क्या ग्राहकों को पासबुक मिलेगा?
उत्तर. हां.
प्रश्न. क्या इस में नामांकन सुविधा उपलब्ध है?
उत्तर. हां, इसमें नामांकन सुविधा उपलब्ध है. इसमें आप एक से अधिक व्यक्तियों को भी नामांकित कर सकते हैं. इस अवस्था में उनकी हिस्सेदारी भी आपको निर्धारित करनी होगी.
प्रश्न. कितना और कितनी बार इस खाता में धन जमा किया जा सकता है?
उत्तर. वर्ष में 12 बार न्यूनतम ₹500 से अधिकतम डेढ़ लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं. धन राशि पांच के गुणनफल में होनी चाहिए. किसी भी ग्राहक का कुल जमा 1 वर्ष में (अपने बच्चे के खाते में जमा की गई राशि के साथ) डेढ़ लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए.
1 वर्ष में एक खाता में 12 बार धन जमा किया जा सकता है.
प्रश्न. धन कब जमा किया जा सकता है?
उत्तर. धन किसी भी समय अपनी इच्छा अनुसार जमा किया जा सकता है. लेकिन किसी भी महीने के 5 तारीख के बाद जमा किए गए धन पर उस महीने के शेष दिनों का कोई ब्याज नहीं मिलता है. इसलिए किसी भी महीने 5 तारीख से पहले धन जमा करना उचित है.
प्रश्न. इसके द्वारा कर लाभ कैसे मिलता है?
उत्तर. इस खाते में जमा धनराशि को किसी व्यक्ति के कुल आय से घटा दिया जाता है. इस प्रकार कर मे बचत होती है. इस प्रकार आप जितनी राशि इस खाते में जमा करते हैं उसका कम से कम 10% कर में बचत होती है. इस खाता में अर्जित ब्याज और परिपक्वता में प्राप्त धनराशि भी कर-मुक्त होती है.
प्रश्न. कब और कितना ब्याज एक खाता धारक को प्राप्त होगा?
उत्तर. वर्तमान समय में ब्याज दर 8.1 प्रतिशत है. ब्याज दर प्रतिवर्ष केंद्रीय बजट में निर्धारित किया जाता है. हालांकि वर्तमान समाचारों के अनुसार प्रत्येक तिमाही में इस खाता का ब्याज दर निर्धारित किया जाएगा.
ब्याज वर्ष में केवल एक बार 31 मार्च को प्राप्त होता है, यानी खाता में क्रेडिट किया जाता है.
प्रश्न. इस खाता में लचीलापन और तरलता कितनी है? यानी आवश्यकता पड़ने पर कितनी आसानी से इसमें से धन निकाला जा सकता है?
उत्तर. इस खाता में कोई भी धनराशि वर्ष में 12 बार नगद, चेक या ऑनलाइन के द्वारा भुगतान किया जा सकता है. अगर किसी वर्ष आप धन जमा ना कर पाए, तो किसी भी वर्ष मात्र ₹50 प्रतिवर्ष के दर से जुर्माने के साथ आप न्यूनतम जमा राशि यानी ₹500 प्रति वर्ष की दर से देकर खाता को पुनर्जीवित कर सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर कोई 4 वर्षों तक इस खाता में धन नहीं जमा कर सका, तो उसे 50 रुपए की दर से 4 वर्षो का हर्जाना 200रुपए और 4 वर्षों का न्यूनतम जमा राशि ₹500 की दर से ₹2000 जमा करने पड़ेंगे.
खाता खुलवाने से लेकर 6 वर्ष तक ऋण लिया जा सकता है, और 6 वर्ष के पश्चात आंशिक रुप से धन निकाला जा सकता है.
वर्तमान कर कानून आपातकाल की स्थिति में इस खाता को बंद कराने की भी अनुमति देते हैं. लेकिन इस अवस्था में ब्याज दर में 1% की कमी कर दी जाती है
प्रश्न. क्या इसका काल परिपक्वता के बाद भी बढ़ाया (विस्तारित किया) जा सकता है?
उत्तर. परिपक्वता के बाद 5 वर्षों के लिए इसका काल बढ़ाया जा सकता है. यह सुविधा कई बार प्राप्त की जा सकती है. हालांकि विस्तारित काल में धनराशि जमा करने की बाध्यता नहीं होती है. यह ग्राहक की इच्छा के ऊपर है कि वह इसमें धन जमा करें या ना करें. इस विस्तारित (यानी एक्सटेंडेड) काल में कोई भी ग्राहक प्रतिवर्ष जमा धनराशि का 50% तक निकाल सकता है.
अगर कोई ग्राहक निकाली गई धनराशि को पुनः इस खाता में जमा करता है, तो भी उसे कर में छूट मिलता है.
प्रश्न. भुगतान के क्या-क्या विकल्प है?
उत्तर. इस खाता में धन नगद, चेक या ऑनलाइन माध्यमों से जमा किया जा सकता है. अगर रोकड़ जमा किया गया, तो धनराशि उसी दिन खाता में जमा यानी क्रेडिट कर दी जाती है. चेक की धनराशि प्राप्त करने में बैंक को लगभग 5 दिन तक लग सकते हैं. ऑनलाइन भुगतान में खाता उचित समय पर धन प्राप्त होने के बाद क्रेडिट कर दिया जाता है.
प्रश्न. क्या इस से कोई अन्य लाभ है?
उत्तर. इस खाता को किसी न्यायालय के आदेश पर भी जप्त नहीं किया जा सकता है. लेकिन कर चोरी (टैक्स चोरी) के मामले की अनुसंधान के समय कर विभाग इस खाता को अपने अधीन कर सकता है.
प्रश्न. क्या इस खाता को किसी एक डाकघर या बैंक से अन्य डाकघर या बैंक में स्थानांतरित किया जा सकता है?
उत्तर. हां, इस खाता को एक बैंक से दूसरे बैंक या एक डाकघर से दूसरे डाकघर या किसी बैंक या डाकघर की एक शाखा से दूसरी शाखा में हस्तांतरित किया जा सकता है. किसी डाकघर से बैंक और बैंक से डाक घर में भी हस्तांतरित किया जा सकता है.
प्रश्न. इस खाता को किसी बच्चे के नाम पर खोलने की क्या आवश्यकता हो सकती है?
उत्तर. अगर आप ऐसा करें तब आपके बच्चे को आपकी तरह 15 वर्षों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. जब वे कमाना आरंभ करेंगे, तब तक यह खाता लगभग 10 वर्ष पुराना हो चुका होगा. इस प्रकार उन्हें केवल 5 वर्ष की अपेक्षा करनी होगी. और वह कर भी बचा पाएंगे. इस प्रकार बची हुई धन राशि का उपयोग वह अपनी उच्च शिक्षा, घर खरीदने, विवाह या विदेश भ्रमण के लिए कर पाएंगे.
प्रश्न. क्या मैं इस खाता को इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन देख सकता हूं?
उत्तर. हां, कई बैंक यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं.
प्रश्न. मेरा धन कहां जाता है? इसे कौन रखता है?
उत्तर. आपका धन केंद्र सरकार के खाते में जमा किया जाता है. कोई भी बैंक या डाकघर (पोस्ट ऑफिस) सिर्फ धन प्राप्त करने के अभिकर्ता के रूप में कार्य करता है. और आप का लेन-देन का अभिलेख सुरक्षित रखता है.
प्रश्न. इस खाता के लिए कौन अधिक बेहतर है? डाकघर या बैंक?
उत्तर. कानूनी रुप से दोनों ही समान है. लेकिन ग्राहक सेवा के नजर से दोनों में अंतर है. इसलिए आप वही बैंक या डाकघर चुने जो आपके लिए सबसे उपयुक्त हो. बैंक आजकल बेहतर तकनीक और चेक क्लीयरिंग सिस्टम का व्यवहार करते हैं.
प्रश्न. इस ब्लॉग का उद्देश्य क्या है?
उत्तर. इस ब्लॉग का उद्देश्य पाठकों को सूचना प्रदान करना है. मेरी यह इच्छा नहीं है कि मैं किसी को यह खाता खोलने के लिए प्रोत्साहित या हतोत्साहित करूं. क्योंकि यह धन का मामला है इसलिए प्रत्येक सूचनाओं की पड़ताल स्वतंत्र और विश्वसनीय स्रोतों से अवश्य कर ले.
इन सूचनाओं का सत्यापन विभिन्न बैंकों या डाकघर के वेबसाइट पर उपलब्ध सूचनाओं से भी किया जा सकता है.
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कृपया इस ब्लॉग के प्रत्येक वाक्य के अंत में व्यवहार किए गए बिंदी को पूर्ण विराम यानी खड़ी पाई माने. धन्यवाद.
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