Saturday, 28 October 2017

शिक्षा: विश्व परिवर्तन का एक साधन

संक्षिप्त विवरण

इस ब्लॉग में मैं शिक्षा को एक ऐसी साधन के रुप में प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूं जो विश्व में कई बुराइयों को दूर कर सकता है; मानव कल्याण और उन्नति को और प्रगतिशील बना सकता है; यह कुरीतियों का रामबाण बन सकता है; और इस प्रकार शिक्षा वह साधन वह औजार या वह हथियार कहा जा सकता है जिससे हम पूरी दुनिया को बदल सकते हैं.

भूमिका

"मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है." स्वामी जी इस महान देश के लोगों द्वारा किस प्रकार  मानव सेवा अर्थात  दीन- दुखियों की सेवा करवाना चाहते थे ? क्या उनके प्रति सिर्फ दानशील होकर या उनके प्रति सहानुभूति शील होकर? शायद मानव सेवा का उनका विचार केवल सैद्धांतिक या दार्शनिक नहीं था. उनके विचार व्यवहारिक थे. एक चीनी कहावत है, "अगर आप एक आदमी को एक दिन खिलाना चाहते हैं, तो उसे एक मछली दान दे` . लेकिन अगर आप उसे जीवन भर खाना खिलाना चाहते  हैं, तो उसे मछली पकड़ना सिखाएं." इसलिए समाज के शैक्षणिक और वित्तीय रूप से पिछड़े स्तरों को वित्तीय- और प्रौद्योगिकी- साक्षर बनाना आवश्यक है. उन्हें बैंकों और गैर बैंकिंग कंपनियों में अंतर को समझना आवश्यक है. इस प्रकार वह अपने कड़ी मेहनत की कमाई को डूबने से बचा  सकेंगे. उन्हें बीमा के महत्व को समझना आवश्यक है. उन्हें प्रौद्योगिकी-साक्षर होना पड़ेगा. जिससे वे भ्रष्टाचार- नाशक  प्रद्योगिकी का लाभ उठा सके. जैसे अर्धईश्वर इंटरनेट का उपयोग  ATM और ऑनलाइन दूरसंचार, लेन देन, इत्यादि के रूप में.

अब प्रश्न यह उठता है कि यह कौन करेगा? पैसे कहां से आएंगे? यह महान देश इसके नागरिको का है. लेकिन इस की संपत्ति केवल अमीर और भ्रष्ट लोगों की है! आज भ्रष्ट लोग लाखों-करोड़ों रुपए लूट सकते हैं. लेकिन समाज के पास शैक्षणिक बुनियादी रचनाओं की स्थापना के लिए धन नहीं है! हम आज भी कई गांव में बिजली, दूरसंचार , शैक्षणिक संस्थाओं की सुविधा, इत्यादि नहीं पहुंचा सके. जो कि निश्चित रूप से दुखद है.

शिक्षा की परिभाषा

शिक्षा मानव मन में ज्ञान के बीज को परंपरा के खाद, अनुभव के प्रकाश, परहित की भावना के प्राण-वायु, और नैतिकता के जल से सींच कर सभ्य मानवता की खेती को शिक्षा कहा जा सकता है.

इसकी उत्पत्ति और विकास व्यक्तित्व के निर्माण और मनुष्य में विद्यमान दिव्य गुणों को उजागर करने के लिए हुआ था.

औजार या हथियार

औजार या हथियार का आविष्कार मनुष्य ने अपनी सुरक्षा और अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए किया था.

आज भी मौलिक कारण वही है. लेकिन सभ्य मानवता का पूर्ण विकास नहीं होने के कारण इसका उपयोग कमजोरों पर अत्याचार और उनके शोषण के लिए किया जाने लगा और किया जा रहा है. आज शिक्षा का प्रधान उद्देश्य जीविकोपार्जन प्रतीत होने लगा है. लेकिन  धन अर्जन शिक्षा का केवल एक उप-उत्पाद यानी बाईप्रोडक्ट है. मनुष्य की प्रकृति हमेशा से प्रतिस्पर्धाशील रही है. इसलिए सभ्य समाज ने अन्य औजारों का त्याग करके शिक्षा को प्रतिस्पर्धा का आधार बनाया. जिससे वही समाज और व्यक्ति अब सबसे विकसित या उन्नत है जिसकी बौद्धिक क्षमता इस भौतिकवादी युग में सबसे कुशल और कारगर है.

शिक्षा से अर्जित ज्ञान और हथियारों से प्राप्त शक्ति का उपयोग और दुरूपयोग मनुष्यों द्वारा किया जाने लगा. और वह अभी भी प्रगति पर है. क्या यह शिक्षा का दोष है? नहीं, मनुष्य ने सभी अच्छी चीजों का दुरुपयोग करके उन्हें करप्ट किया. तो, हमें सही मार्ग कौन बनाएगा? हमारे मनीषी महामहिम तुलसीदास जी ने कहा है "परहित सरिस धर्म नहीं भाई| परपीड़ा सम नहीं अधमाई|" 

विश्व के सब धर्मों का मूल सिद्धांत मानव सेवा ही है. कुछ लोग या लोगों का समूह स्वार्थ साधन के लिए इनकी अजीब व्याख्या करते हैं. और ज्ञान और हथियारों का उपयोग आतंक फैलाने और निर्दोषों, कमजोरों और निहत्थों की हत्या में कर रहे हैं. क्या उसी ज्ञान, औजार और धन का उपयोग सृजन के लिए नहीं किया जा सकता? क्या आतंक में लगे धन और ज्ञान का उपयोग निरक्षर को शिक्षा, बेरोजगार को नौकरी, भूखे को खाना, बेघर को घर दिलाने, और अन्य परोपकारी कार्यों के लिए नहीं किया जा सकता है? हां, किया जा सकता है. हम यह कर सकते हैं. हमें दधीचि ऋषि, मदर टेरेसा, दानवीर कर्ण, बाबा आमटे, इत्यादि की तरह विद्या और बल का सदुपयोग करना होगा.  अपने ज्ञान की शक्ति का उपयोग परोपकार और विश्व के कल्याण के लिए करना होगा. ना कि इनका दुरूपयोग कमजोर पर शासन और उनका शोषण करने के लिए; और आतंक फैलाने के लिए.

प्रौद्योगिकी विज्ञान-विद्या का परिणाम है. यह अर्ध-ईश्वर प्रतीत होता है. यह सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान है. जैसे इंटरनेट. इसका भी सदुपयोग मानव सेवा और भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए हो रहा है; इसका और अधिक उपयोग होना चाहिए. एक बहुत ही सरल उदाहरण: इंटरनेट जानने वाले व्यक्ति घर बैठे ट्रेन टिकट कटा सकते हैं, बिजली के बिल जमा कर सकते हैं, मोबाइल रिचार्ज कर सकते हैं, अपने सगे संबंधी और मित्रों को आवश्यकतानुसार ऑनलाइन धन हस्तांतरित कर सकते हैं, इंटरनेट की सहायता से करों का भुगतान इत्यादि भी किया जा सकता है. इसकी सहायता से आप कई प्रकार के आवेदन और कई प्रकार की सरकारी और गैर सरकारी सेवाओं का भी उपभोग बिना बिचौलियों की सहायता से भी कर सकते हैं जिससे भ्रष्टाचार में कमी आती है. इसी प्रकार कई देशों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सरकारी सहायता लोगों को प्रत्यक्ष रूप से प्रदान की जा रही है जिससे भ्रष्टाचार में व्यापक पैमाने से कमी करने में सहायता मिली है. इंटरनेट आज ज्ञान का महासागर है. जिसमें कोई भी जानकारी बहुत ही आसानी से प्राप्त हो सकती है. लेकिन शिक्षा और ज्ञान के अभाव में कई लोग इन्हीं कार्यों के लिए अनावश्यक समय और ऊर्जा खर्च और बर्बाद करते हैं.

 उपरोक्त चर्चा के आधार पर मैं समाज को_ जिसका मैं एक बहुत ही छोटा सा सदस्य हूं_सुझाव देने का साहस कर रहा हूं...

• शिक्षा का उद्देश्य धनोपार्जन के बदले सभ्य मानवता अर्जित करना हो. इसे विद्यार्थियों को बचपन से बताना और सिखाना होगा. ऐसा तभी संभव होगा जब शिक्षा को धन अर्जन के लिए स्पर्धा का आधार नहीं बनाया जाएगा.

• किताबी शिक्षा के बदले कर्म शिक्षा और व्यावहारिक प्रशिक्षण के द्वारा विद्यार्थियों को स्वावलंबन और जीविकोपार्जन सिखाना होगा.

• इसके लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे; और आबादी की वृद्धि दर न्यूनतम करनी होगी.

• धर्म के मूल सिद्धांत यानी मानव सेवा को दृढ़ रूपेण स्थापित करना होगा. ताकि तथाकथित धार्मिक असहिष्णुता, धार्मिक उन्माद और घृणा ना पनप सके.

• विज्ञान और प्रोद्योगिकी का उपयोग मानव सेवा, विकास और सृजन के लिए हो और 'ध्वंसात्मक विज्ञान' को ज्ञान और तर्क से हतोत्साहित करना होगा.

• विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग मानव कल्याण, असमानता उन्मूलन और भ्रष्टाचार उन्मूलन, इत्यादि जैसे परोपकारी कार्यों में करना होगा.

• आधुनिक काल में प्रशासन, व्यवसाय जगत और समाज मेलजोल से सहकारी व्यवस्था की स्थापना, संचालन, और नियंत्रण करें. जिससे शिक्षा का प्रचार और प्रसार हो सके; और अज्ञान और आसुरी उन्माद के अंधकार दूर हो सकें.

लोक भविष्य निधि यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

संक्षिप्त विवरण

यह भारतीयों के लिए एक निवेश का विकल्प है. यह ग्राहकों को 15 वर्ष की अवधि तक बचत करने और कर बचाने में मदद कर सकता है. इसे साधारण बोलचाल की भाषा में पीपीएफ (PPF) के नाम से भी जाना जाता है.

प्रश्न. कौन इसके लिए योग्य पात्र हैं?
उत्तर. कोई भी भारतीय लोक भविष्य निधि खाता खुला सकता है. वह अपने बच्चों के नाम में भी यह खाता खुला सकते हैं. लेकिन एक बच्चे के नाम पर केवल एक ही अभिभावक यह खाता खुला सकते हैं?

प्रश्न. यह खाता कहां खोला जा सकता है? और इसके लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं?
उत्तर. भारतीय डाक और भारतीय स्टेट बैंक के सभी शाखाओं में और अन्य सूचीबद्ध (शेड्यूल्ड) बैंकों, जैसे आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इत्यादि के कुछ शाखाओं में यह खाता खुलवाया जा सकता है.

यह खाता खुलवाने के लिए पता और पहचान का मान्य प्रमाण, पासपोर्ट आकार की छवि आवश्यक है. इस के लिए पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) अनिवार्य है.

बच्चों के मामले में जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार की छवि और अभिभावक का पता और पहचान का मान्य प्रमाण आवश्यक है.

प्रश्न. क्या ग्राहकों को पासबुक मिलेगा?
उत्तर. हां.

प्रश्न. क्या इस में नामांकन सुविधा उपलब्ध है?
उत्तर. हां, इसमें नामांकन सुविधा उपलब्ध है. इसमें आप एक से अधिक व्यक्तियों को भी नामांकित कर सकते हैं. इस अवस्था में उनकी हिस्सेदारी भी आपको निर्धारित करनी होगी.

प्रश्न. कितना और कितनी बार इस खाता में धन जमा किया जा सकता है? 
उत्तर. वर्ष में 12 बार न्यूनतम ₹500 से अधिकतम डेढ़ लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं. धन राशि पांच के गुणनफल में होनी चाहिए. किसी भी ग्राहक का कुल जमा 1 वर्ष में (अपने बच्चे के खाते में जमा की गई राशि के साथ) डेढ़ लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए.

1 वर्ष में एक खाता में 12 बार धन जमा किया जा सकता है.

प्रश्न. धन कब जमा किया जा सकता है? 
उत्तर. धन किसी भी समय अपनी इच्छा अनुसार जमा किया जा सकता है. लेकिन किसी भी महीने के 5 तारीख के बाद जमा किए गए धन पर उस महीने के शेष दिनों का कोई ब्याज नहीं मिलता है. इसलिए किसी भी महीने 5 तारीख से पहले धन जमा करना उचित है.

प्रश्न. इसके द्वारा कर लाभ कैसे मिलता है? 
उत्तर. इस खाते में जमा धनराशि को किसी व्यक्ति के कुल आय से घटा दिया जाता है. इस प्रकार कर मे बचत होती है. इस प्रकार आप जितनी राशि इस खाते में जमा करते हैं उसका कम से कम 10% कर में बचत होती है. इस खाता में अर्जित ब्याज और परिपक्वता में प्राप्त धनराशि भी कर-मुक्त होती है.

प्रश्न. कब और कितना ब्याज एक खाता धारक को प्राप्त होगा? 
उत्तर. वर्तमान समय में ब्याज दर 8.1 प्रतिशत है. ब्याज दर प्रतिवर्ष केंद्रीय बजट में निर्धारित किया जाता है. हालांकि वर्तमान समाचारों के अनुसार प्रत्येक तिमाही में इस खाता का ब्याज दर निर्धारित किया जाएगा.
 ब्याज वर्ष में केवल एक बार 31 मार्च को प्राप्त होता है, यानी खाता में क्रेडिट किया जाता है.

प्रश्न. इस खाता में लचीलापन और तरलता कितनी है? यानी आवश्यकता पड़ने पर कितनी आसानी से इसमें से धन निकाला जा सकता है?
उत्तर. इस खाता में कोई भी धनराशि वर्ष में 12 बार नगद, चेक या ऑनलाइन के द्वारा भुगतान किया जा सकता है. अगर किसी वर्ष आप धन जमा ना कर पाए, तो किसी भी वर्ष मात्र ₹50 प्रतिवर्ष के दर से जुर्माने के साथ आप न्यूनतम जमा राशि यानी ₹500 प्रति वर्ष की दर से देकर खाता को पुनर्जीवित कर सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर कोई 4 वर्षों तक इस खाता में धन नहीं जमा कर सका, तो उसे 50 रुपए की दर से 4 वर्षो का हर्जाना 200रुपए और 4 वर्षों का न्यूनतम जमा राशि ₹500 की दर से ₹2000 जमा करने पड़ेंगे.

खाता खुलवाने से लेकर 6 वर्ष तक ऋण लिया जा सकता है, और 6 वर्ष के पश्चात आंशिक रुप से धन निकाला जा सकता है.

वर्तमान कर कानून आपातकाल की स्थिति में इस खाता को बंद कराने की भी अनुमति देते हैं. लेकिन इस अवस्था में ब्याज दर में 1% की कमी कर दी जाती है

प्रश्न. क्या इसका काल परिपक्वता के बाद भी बढ़ाया (विस्तारित किया) जा सकता है?
उत्तर. परिपक्वता के बाद 5 वर्षों के लिए इसका काल बढ़ाया जा सकता है. यह सुविधा कई बार प्राप्त की जा सकती है. हालांकि विस्तारित काल में धनराशि जमा करने की बाध्यता नहीं होती है. यह ग्राहक की इच्छा के ऊपर है कि वह इसमें धन जमा करें या ना करें. इस विस्तारित (यानी एक्सटेंडेड) काल में कोई भी ग्राहक प्रतिवर्ष जमा धनराशि का 50% तक निकाल सकता है.
अगर कोई ग्राहक निकाली गई धनराशि को पुनः इस खाता में जमा करता है, तो भी उसे कर में छूट मिलता है.

प्रश्न. भुगतान के क्या-क्या विकल्प है? 
उत्तर. इस खाता में धन नगद, चेक या ऑनलाइन माध्यमों से जमा किया जा सकता है. अगर रोकड़ जमा किया गया, तो धनराशि उसी दिन खाता में जमा यानी क्रेडिट कर दी जाती है. चेक की धनराशि प्राप्त करने में बैंक को लगभग 5 दिन तक लग सकते हैं. ऑनलाइन भुगतान में खाता उचित समय पर धन प्राप्त होने के बाद क्रेडिट कर दिया जाता है.

प्रश्न. क्या इस से कोई अन्य लाभ है? 
उत्तर. इस खाता को किसी न्यायालय के आदेश पर भी जप्त नहीं किया जा सकता है. लेकिन कर चोरी (टैक्स चोरी) के मामले की अनुसंधान के समय कर विभाग इस खाता को अपने अधीन कर सकता है.

प्रश्न. क्या इस खाता को किसी एक डाकघर या बैंक से अन्य डाकघर या बैंक में स्थानांतरित किया जा सकता है? 
उत्तर. हां, इस खाता को एक बैंक से दूसरे बैंक या एक डाकघर से दूसरे डाकघर या किसी बैंक या डाकघर की एक शाखा से दूसरी शाखा में हस्तांतरित किया जा सकता है. किसी डाकघर से बैंक और बैंक से डाक घर में भी हस्तांतरित किया जा सकता है.

प्रश्न. इस खाता को किसी बच्चे के नाम पर खोलने की क्या आवश्यकता हो सकती है? 
उत्तर. अगर आप ऐसा करें तब आपके बच्चे को आपकी तरह 15 वर्षों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. जब वे कमाना आरंभ करेंगे, तब तक यह खाता लगभग 10 वर्ष पुराना हो चुका होगा. इस प्रकार उन्हें केवल 5 वर्ष की अपेक्षा करनी होगी. और वह कर भी बचा पाएंगे. इस प्रकार बची हुई धन राशि का उपयोग वह अपनी उच्च शिक्षा, घर खरीदने, विवाह या विदेश भ्रमण के लिए कर पाएंगे.

प्रश्न. क्या मैं इस खाता को इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन देख सकता हूं?
उत्तर. हां, कई बैंक यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं.

प्रश्न. मेरा धन कहां जाता है? इसे कौन रखता है? 
उत्तर. आपका धन केंद्र सरकार के खाते में जमा किया जाता है. कोई भी बैंक या डाकघर (पोस्ट ऑफिस) सिर्फ धन प्राप्त करने के अभिकर्ता के रूप में कार्य करता है. और आप का लेन-देन का अभिलेख सुरक्षित रखता है.

प्रश्न. इस खाता के लिए कौन अधिक बेहतर है? डाकघर या बैंक? 
उत्तर. कानूनी रुप से दोनों ही समान है. लेकिन ग्राहक सेवा के नजर से दोनों में अंतर है. इसलिए आप वही बैंक या डाकघर चुने जो आपके लिए सबसे उपयुक्त हो. बैंक आजकल बेहतर तकनीक और चेक क्लीयरिंग सिस्टम का व्यवहार करते हैं.

प्रश्न. इस ब्लॉग का उद्देश्य क्या है?
उत्तर. इस ब्लॉग का उद्देश्य पाठकों को सूचना प्रदान करना है. मेरी यह इच्छा नहीं है कि मैं किसी को यह खाता खोलने के लिए प्रोत्साहित या हतोत्साहित करूं. क्योंकि यह धन का मामला है इसलिए प्रत्येक सूचनाओं की पड़ताल स्वतंत्र और विश्वसनीय स्रोतों से अवश्य कर ले.

इन सूचनाओं का सत्यापन विभिन्न बैंकों या डाकघर के वेबसाइट पर उपलब्ध सूचनाओं से भी किया जा सकता है.

टिप्पणी:
कृपया इस ब्लॉग के प्रत्येक वाक्य के अंत में व्यवहार किए गए बिंदी को पूर्ण विराम यानी खड़ी पाई माने. धन्यवाद.

digibank by DBS: डिजिसेविंग खाता खोलना और लाभ

संछिप्त विवरण

डीबीएस एक एशियाई बैंक है. यह भारत में भी अपनी बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रहा है. इसमें कोई शंका नहीं होनी चाहिए कि इसे भारत में सक्षम अधिकारियों से बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने का लाइसेंस अवश्य प्राप्त हुआ होगा. यह एक मोबाइल एप पर आधारित बैंकिंग है. इसमें कैश या चेक जमा करने की सुविधा नहीं है. आप स्वचालित खजांची यंत्र (एटीएम) से कैश निकाल सकते हैं. किसी भी स्वचालित खजांची यंत्र मे असीमित लेन-देन मुफ्त है. यह 0-शेषराशि खाता यानी जीरो बैलेंस अकाउंट है. और इसमें 100000 रुपए तक की जमा धनराशि पर 7% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज कमा सकते हैं.

प्रश्न. यह खाता कौन खुला सकता है?
उत्तर. कोई भी बालिग भारतीय व्यक्ति जिसके पास पेन और आधार संख्याएं हैं. और जिसके पास एक स्मार्टफोन और एक सक्रिय मोबाइल नंबर है वह यह खाता खुला सकता है.

प्रश्न. यह खाता कैसे खोला जा सकता है?
उत्तर. आपको इस बैंक का एप्प अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड करना होगा  यह लगभग 20 मेगा बाईट का है. जरूरी सूचनाओं को आप सिलसिलेवार तरीके से इसमें पंजीकृत करते जाएं. आपको आपके मोबाइल नंबर पर एकल समय गुप्तशब्द (OTP) मिलेगी. आपको इसे app में डालना पड़ेगा. इसके पश्चात आपको तुरंत ही आपका खाता संख्या IFS कोड और MMID, इत्यादि प्राप्त हो जाएंगे. फिंगरप्रिंट सत्यापन के लिए या तो आप कैफे कॉफी डे के किसी भी शाखा में जा सकते हैं या इसके लिए किसी अभिकर्ता का निवेदन कर सकते हैं. अगर आप अभिकर्ता का निवेदन करते हैं, तो 2 दिनों के भीतर आपको एक कॉल आएगा जिसमें आप एक निश्चित समय और स्थान अभिकर्ता को बता देंगे. वह समय और स्थान पर आकर आपका फिंगरप्रिंट सत्यापन कर देगा. आपको उसे सिर्फ वह रेफरेंस नंबर बताना पड़ेगा जो आपको अकाउंट खोलने के अंत में प्राप्त हुआ था.

इसके पश्चात ही आपका खाता सामान्य बैंकिंग लेनदेन के लिए तैयार हो जाएगा.

प्रश्न. में धन कैसे जमा कर सकता हूं?
उत्तर. आप धन जमा इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के जरिए कर सकते हैं.

अगर आपके पास अन्य बैंक का नेट बैंकिंग सुविधा है तो इस खाता के खाता संख्या और IFS कोड को एक पेई (payee) के रूप में पंजीकृत करें और प्रतीक्षा समय के बाद आप इसमें अन्य बैंक खाता की तरह एनईएफटी, आरटीजीएस, आईएमपीएस इत्यादि के जरिए आप धन जमा कर सकते हैं

डेबिट कार्ड से धन जमा करने के लिए आपको डेबिट कार्ड संख्या, डेबिट कार्ड पर मुद्रित नाम, एक्सपायरी डेट, CVV नंबर इत्यादि डालना पड़ेगा.

और अगर आप इस ऐप पर तीसरे विकल्प को चुनते हैं, तो आप अपने अन्य बैंक के  लॉग इन सूचनाओं के जरिए अपने अन्य बैंक में लॉगिन करके इसमें धन जमा कर सकते हैं.

प्रश्न. मैं धन कैसे निकाल सकता हूं? 
उत्तर. आप इस बैंक द्वारा जारी डेबिट या ATM कार्ड के जरिए धन निकाल सकते हैं. अन्यथा आप अगर किसी और व्यक्ति को भुगतान करना चाहते हैं, तो उसे ऑनलाइन धन हस्तांतरित भी कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आपने इस बैंक से डेबिट कार्ड नहीं लिया है, तो आपको जो धनराशि निकालनी है उसे अपने किसी अन्य बैंक में हस्तांतरित कर दें और उसका ATM कार्ड से धन निकाल लें.

प्रश्न. अगर मुझे चेक की आवश्यकता पड़े तो मैं क्या करूं? 
उत्तर. अगर आपको चेक जारी करना अपरिहार्य हो जाए, तो आप अपने इस खाता से आवश्यक धनराशि अपने चेक सुविधा वाले खाता में हस्तांतरित कर दें और इसके पश्चात आवश्यक चेक जारी करें.

प्रश्न. क्या कोई न्यूनतम धनराशि जमा रखनी आवश्यक है? 
उत्तर. नहीं, यह 0-शेषराशि खाता है अर्थात यह एक जीरो बैलेंस अकाउंट. इसमें कोई भी न्यूनतम धनराशि रखना आवश्यक नहीं है.

प्रश्न. इस बैंक में ब्याज दर क्या है? 
उत्तर. अगर आप की जमा राशि 1 लाख रुपए तक है, तो ब्याज दर 7% प्रतिवर्ष है.

एक लाख से अधिक और एक करोड़ तक की धनराशि में ब्याज दर 6% प्रति वर्ष है.

1 करोड़ रुपए से अधिक धन राशि पर ब्याज दर संभवत 4% प्रति वर्ष है.

इस प्रकार इसमें एक लाख तक की धनराशि रखने में समझदारी है. अगर आपके पास इससे ज्यादा ध्यान है, तो आप इसे फिक्स्ड डिपॉजिट में हस्तांतरित कर सकते हैं. जिस पर आपको 6.2-7.2% प्रतिवर्ष दर से ब्याज मिल सकता है.

प्रश्न. मुझे यह अकाउंट क्यों खुलाना चाहिए? मैं अपने वर्तमान बैंक में फिक्स डिपॉजिट खुलवा कर इतना ही ब्याज कमा सकता हूं.

उत्तर. आप ऐसा कर सकते हैं. लेकिन अगर आप इस बैंक की सुविधा लेते हैं, तो आप समय और ऊर्जा बचा सकते हैं. इसके अतिरिक्त रुपए ₹1 लाख तक की जन धन राशि पर आप 7% की दर से ब्याज कमाते हैं. बचत खाता से अर्जित ब्याज ₹10000 तक आयकर कानून के अनुसार करमुक्त होता है. जबकि फिक्स डिपाजिट पर अर्जित कोई भी ब्याज करमुक्त नहीं होता.
आपातकाल में अगर आपको फिक्स डिपाजिट बंद करवाना पड़ा, तो ब्याज दर कम कर दिया जाएगा. जिससे आपको हानि होगी. लेकिन इस खाता मे आपको प्रतिदिन शेषराशि पर ब्याज प्राप्त होता है.

अन्य बैंकों में बचत खाता पर सामान्यतः 4% ब्याज दर मिलती है

प्रश्न. अन्य बैंकों की ATM में कितने लेनदेन मुफ्त हैं? 
उत्तर. अन्य बैंकों के एटीएम में आप असीमित लेन-देन मुफ्त में कर सकते हैं.

प्रश्न. डेबिट कार्ड शुल्क कितना है?
उत्तर. डेबिट कार्ड शुल्क सेवा कर के अलावा 150 रुपए  है.

प्रश्न. धन हस्तांतरण के क्या शुल्क है?
उत्तर. धन हस्तांतरण यानि फंड ट्रांसफर का कोई शुल्क या चार्ज नहीं है.

प्रश्न. धन हस्तांतरण में कितना समय लग सकता है?

उत्तर. यह बैंक सामान्यतः आईएमपीएस के जरिए धन हस्तांतरित करता है. इसलिए धन तत्काल ही हस्तांतरित हो जाता है.

प्रश्न. अगर मैं इस खाते को बंद करना चाहूं, तो मुझे क्या करना होगा? 
उत्तर. अगर आप इस खाता को बंद करना चाहते हैं, तो आपको अपने मोबाइल बैंकिंग एप पर लॉगइन करना होगा और खाता बंद करने का विकल्प चुनना होगा. आपका खाता तत्काल ही बंद हो जाएगा. लेकिन यह एक जीरो बैलेंस अकाउंट है. इसलिए 6 महीने से पहले इसे बंद करवाना उचित नहीं होगा. क्योंकि अकाउंट खोलने से लेकर 6 महीने तक के भीतर खाता बंद करवाने से ₹500 का भुगतान करना होगा.

प्रश्न. क्या मेरा धन इसमें सुरक्षित रहेगा?

उत्तर. मेरी समझ के अनुसार कोई भी संस्था भारत में बिना कठिन जांच पड़ताल के बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त नहीं कर सकते हैं. इसलिए इस बैंक पर धन रखना उतना ही जोखिम भरा या या सुरक्षित होगा जितना कि भारत में किसी भी अन्य बैंक में धन रखना. इसके अलावा भारत में किसी भी सूचीबद्ध बैंक में एक लाख तक की धनराशि कानून के अनुसार सुरक्षित है.

प्रश्न. यह बैंक 7% की दर से ब्याज कैसे दे सकता है ? क्या यह बहुत अधिक नहीं है? 
उत्तर. यह एक ऐप आधारित बैंकिंग सेवा है. इस बैंक को बहुत कम शाखाएं खोलनी पड़ी है. इस प्रकार कई प्रकार के खर्चों की बचत होती है. और इसलिए 7% ब्याज दर इनके लिए देना असंभव नहीं है.

प्रश्न . अगर मुझे कोई असुविधा हो, तो मैं उसका समाधान कैसे करूंगा? 
उत्तर. आप अपने खाता में लॉगिन करें और वर्चुअल असिस्टेंट की सहायता से अपने समस्या का समाधान चैटिंग के द्वारा कर सकते हैं. इसके अलावा आप बैंक के टोल फ्री नंबर पर कॉल, उन्हें ईमेल या ट्विट कर सकते हैं. इस से भी अगर आपकी समस्या का समाधान ना हो, तो आप अपने नजदीकी शाखा में जा सकते हैं. ध्यान रहे कि इस बैंक की शाखाएं बहुत कम है.

प्रश्न. क्या मैं बिलों का भुगतान और मोबाइल इत्यादि रिचार्ज कर सकता हूं? 
उत्तर. हां, आप बिलों का भुगतान और मोबाइल इत्यादि रिचार्ज आसानी से कर सकते हैं.

प्रश्न. क्या इससे कोई अन्य लाभ भी है?

उत्तर . हां, आप अपने मित्रों को भी यह खाता खोलने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. और इस प्रकार प्रति खाता पर आपको ₹250 का नगद उपहार मिलेगा. यह प्रस्ताव सीमित समय के लिए है.

इस खाता मे धन जमा करने से भी आपको आय होगा!

 हां, यह सत्य है. अगर आप इस खाता मे धन जमा करने के दूसरे विकल्प यानी डेबिट कार्ड के द्वारा या तीसरे विकल्प यानी नेट बैंकिंग के द्वारा इसमें धन जमा करते हैं, तो आप के अन्य बैंक इसे ई-कॉमर्स खर्च या लेनदेन मानते हैं. और आप को इसके लिए रिवार्ड पॉइंट यानी पुरस्कार बिंदु मिलता है. जिसे आप वस्तुओं, विमान यात्रा का टिकट, चलचित्र का टिकट, इत्यादि खरीदने के लिए और मोबाइल रिचार्ज, बिलों के भुगतान, इत्यादि के लिए कर सकते हैं.

 यह एक बहुत अद्भुत विशेषता है. हमें इसका लाभ नैतिकता के आधार पर उठाना चाहिए. अगर इसे अनैतिक तरीके से व्यवहार किया गया, तो शायद इस खाता की यह विशेषता सही समय पर बंद भी हो सकती है.

प्रश्न. क्या यह खाता अन्य बैंक खाता से बेहतर है? अगर हां, तो कैसे?
उत्तर. हां, यह खाता अन्य खातों से बेहतर माना जा सकता है. क्योंकि इसका व्यवहार आप कभी भी धन हस्तांतरण (फंड ट्रांसफर) के लिए कर सकते हैं. आवश्यकता के समय आप अपने किसी अन्य बैंक के डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के जरिए इसमें धन जमा कर सकते हैं और इसके पश्चात ही जिसे आपको धन भेजना है उसे आप मुफ्त में धन तत्काल हस्तांतरित कर सकते हैं.

प्रश्न. क्या मैं किसी भी स्मार्ट फोन का व्यवहार अपने खाता में लोगिन करने के लिए कर सकता हूं?

उत्तर. नहीं, आप केवल अपने पंजीकृत यानी रजिस्टर्ड स्मार्ट फोन पर ही लॉगिन कर सकते हैं. अगर आपने किसी अन्य स्मार्ट फोन में लॉगिन की, तो आपको कई अन्य सत्यापन करने होंगे, जैसे संदेश के रूप में प्राप्त गुप्तशब्द (पासवर्ड) और ईमेल में प्राप्त गुप्तशब्द इत्यादि का उपयोग करना होगा.

प्रश्न. क्या इस में नामांकन सुविधा है?
उत्तर. इस में नामांकन सुविधा है. आप किसी भी व्यक्ति को नामांकित कर सकते हैं. इसके लिए उस व्यक्ति का जन्म तारीख का ज्ञान होना आवश्यक है.

प्रश्न. क्या मैं मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस बाद में बदल सकता हूं? 
उत्तर. आप मोबाइल नंबर बदल सकते हैं लेकिन ईमेल एड्रेस नहीं बदल सकते. अगर आपको ईमेल एड्रेस बदलना है, तो आपको यह खाता बंद करवाना होगा. और पुनः नए ईमेल एड्रेस से आपको यह खाता पंजीकृत करना होगा. इस अवस्था में आप का पुराना खाता बंद हो जाएगा और आपको एक नया खाता संख्या प्राप्त होगा.

प्रश्न. आपका सुझाव क्या है?
उत्तर. यह 0-शेषराशि खाता है. इसलिए इसे खुलवाया जा सकता है. और इस पर ब्याज दर भी बेहतर है. लेकिन यह खाता उन्हीं व्यक्तियों को खुलवाना चाहिए जो इंटरनेट पर ऑनलाइन लेनदेन के आदी हैं. यानी ऑनलाइन खरीदारी, इंटरनेट बैंकिंग, इत्यादि का व्यवहार कुछ या लंबे समय से कर रहे हो. अगर आपने ऐसा पहले कभी नहीं किया, तो वह खाता खुलाने से पहले आपको इन सब बातों की अच्छी जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है. और अधिक जानकारी इस बैंक के अधिकारिक वेबसाइट पर भी प्राप्त कर सकते हैं.

प्रश्न. इस ब्लॉग का उद्देश्य क्या है?
उत्तर. इस ब्लॉग का उद्देश्य पाठकों को जानकारी प्रदान करना और अध्ययन के लिए है. यह विषय धन से जुड़ा है. इसलिए आपसे आग्रह है कि प्रत्येक सूचना की जांच आप स्वतंत्र और विश्वसनीय  स्रोतों से अवश्य कर ले.

इस ब्लॉग को आप अंग्रेजी में भी पढ़ सकते हैं dbsdigibank.blogspot.com

काला धन यानी ब्लैक मनी

भूमिका

किसी भी देश के कानून के अनुसार जो आय करमुक्त हैं उनके अलावा जिस आय पर कर नहीं या कम दिया जाता है उस आय को काला धन कहा जा सकता है. यह जानबूझ कर या अनजाने में किया जा सकता है. दोनों अवस्थाओं में पूरी आय की धनराशि को कालाधन माना जाना चाहिए. अगर किसी व्यक्ति ने सौ रुपए (या रु.100 करोड़) कमाएं और उस पर 10% की दर से आय कर देना आवश्यक है, और अगर उसने आयकर नहीं अदा किया तो कुल आय अर्थात ₹100 ( या 100 करोड़ रुपए) को कालाधन माना जाएगा.

वर्तमान समय में अर्थव्यवस्थाओं में  कागज या धातु की मुद्रा का व्यवहार हो रहा है वहां पर काला धन की उत्पत्ति और वृद्धि की संभावनाएं अधिक है.

इस समस्या के निवारण के लिए कागज और धातु की मुद्रा का व्यवहार कम या बंद करना होगा. और ऑनलाइन कार्ड इत्यादि भुगतान को बढ़ावा देना होगा. प्रौद्योगिकी का व्यवहार इसमें बहुत अधिक सहायक हो सकता है.

उत्पत्ति और अनुकूल परिस्थितियां

काला धन की उत्पत्ति का मूल कागज और धातु मुद्रा के प्रचलन और व्यवहार से है. प्रौद्योगिकी की कमी और कानून पालन अभिकर्ताओं की कमी के कारण भी इसका विकास होता जा रहा है. कई देशों के बीच कई प्रकार की वित्तीय और कर संबंधी संधियों के कारण लोग एक देश से दूसरे देश आसानी से कालाधन को भेज और मंगा पा रहे हैं. जिससे काला धन को रखने और बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलता रहता है.

तीसरी दुनिया के देशों में भव्य सार्वजनिक संस्थान जैसे जीवन बीमा कंपनी, रेल मार्ग कंपनी, डाक सेवा कंपनी, तेल और गैस बेचने वाली कंपनियां, इत्यादि आसानी से नगद धन स्वीकार करते हैं इस प्रकार कई लोग आसानी से काला धन को खर्च कर पाते हैं और कर देने से आसानी से बच जाते हैं इस प्रकार काला धन रखने वाले लोगों को किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता क्योंकि वह इस धन को आसानी से खर्च कर सकते हैं. इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन या डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान करना चाहता है तो वह एक अतिरिक्त धनराशि भी चार्ज करते हैं जो कि सफ़ेद धन खर्च करने वालों को हतोत्साहित करता है. इसलिए वह मजबूर होकर अपने सफेद धन को भी नगद में परिवर्तित करते हैं. और इस प्रकार सफेद धन भी काली अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन जाता है.


इमारत निर्माण प्रवर्तक (बिल्डर या प्रोमोटर) कुल विक्रय राशि का एक हिस्सा नगद के रूप में लेने पर जोर देते हैं जिससे उन्हें उस धनराशि पर कर नहीं चुकाना पड़े. जैसे अगर आपने 7 लाख रुपए की अचल संपत्ति खरीदी है, तो शायद आपको 2 लाख रूपय या उससे अधिक नगद धन के रूप में देना पड़ेगा. यह 2 लाख रुपए काला धन है, क्योंकि इस पर वह बिल्डर कोई कर जमा नहीं करेगा.
बिल्डर के द्वारा की गई यह क्रिया गैरकानूनी है; और आप ऐसे बिल्डरों से अचल संपत्ति नहीं भी खरीद सकते हैं या उन्हें पूरी धनराशि चेक के माध्यम से दे सकते हैं.

तीसरी दुनिया के कई खुदरा व्यापारी (रिटेल ट्रेडर) अपने ग्राहकों को भुगतान की रसीद नहीं देते हैं जिससे वह आय पर कर बचा लेते हैं; और उनके द्वारा प्राप्त अन्य प्रकार के करो जो कि वस्तु के मूल्य में पहले से ही जुड़ा रहता है उसे भी सरकार के पास जमा नहीं करते हैं जिससे सरकार को कर की प्राप्ति में कमी होती है, और काला धन में वृद्धि होती है. इस प्रकार यह  अर्थव्यवस्था के लिए दुगने रूप से खतरनाक है. आप अगर कोई भी वस्तु या सेवा खरीदते हैं और उसका भुगतान करते हैं, तो आपको उसका रसीद अवश्य मिलना चाहिए. अगर कोई विक्रेता रसीद देने से इंकार करता है, तो यह गैरकानूनी क्रिया होगी. आप हमेशा एक मान्य रसीद प्राप्त करने के लिए जोर दे सकते हैं. एक व्यक्ति ने दवा की दुकान से लगभग ₹500 की दवाई खरीदी जिसमें कुछ सरकारी कर भी जुड़े हुए थे. दुकानदार ने क्रेता  को भुगतान की कोई रसीद नहीं दी. इस प्रकार विक्रेता द्वारा किए गए आय का कोई प्रमाण नहीं बनता है. इस प्रकार वह क्रेता द्वारा दिए गए कर की भी चोरी करता है और अपने द्वारा किए गए आय पर भी कर नहीं देता है.

तीसरी दुनिया के देशों में करोड़ों-अरबों रुपए का लेन-देन  नगद में आराम से हो सकता है. इस पर कोई रोक-टोक या कानूनी पाबंदी नहीं है. कानून में एक सीमा के पश्चात नगद धन का लेन-देन मना है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति या संस्था ऐसा करता है, तो उसकी जांच और पकड़ के लिए कोई विशेष और कारगर व्यवस्था उपस्थित नहीं है. ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इन समस्याओं का समाधान करने में अक्षम और लाचार है. इस में जन भागीदारी बहुत अधिक आवश्यक है.

तीसरी दुनिया के देशों के में बड़े-बड़े हस्पताल और नर्सिंग होम्स में भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड के द्वारा भुगतान आज भी नहीं स्वीकार किया जा रहा है! वे सिर्फ नगद ही लेते हैं! इसके पीछे क्या वजह हो सकती है. यह स्पष्ट है कि अगर कोई संभावना हो, तो वह अपने आय को छिपाना चाहते हैं. आजकल चिकित्सा-खर्च आसमान छू रहे हैं. साधारण सी बीमारी पर भी सैकड़ों - हजारों रुपए खर्च होते हैं. लेकिन छोटे-बड़े अस्पतालों में आज भी नगद लेनदेन हो रहा है! क्या इससे कालाधन को प्रोत्साहन और बढ़ावा नहीं मिल रहा है? सरकार और कानून पालन अभिकर्ताओं को यह सुनिश्चित करनी चाहिए कि ऐसी संस्थाओं में जहां पर धन का लेन-देन बहुत अधिक मात्रा में होता है वहां एक निश्चित सीमा के बाद नगद का लेनदेन गैरकानूनी हो.

कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों में भी आज भी कैश या नगद धन के रूप में ही शुल्क इत्यादि लिए जाते हैं! वह डेबिट या क्रेडिट कार्ड या ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए शुल्क प्राप्त करने की सुविधा नहीं प्रदान करते. इसका क्या कारण हो सकता है? नगद भुगतान की प्राप्ति के लिए कर्मचारी रखना; नकली नोटों की जोखिम; उसे बैंक में जमा कराते समय चोरी या डकैती की संभावना, इत्यादि असुविधाएं होने के बावजूद भी यह संस्थाएं नगद धनराशि में ही भुगतान स्वीकार करते हैं! ऐसा क्यों है? क्या वे  काला धन को प्रोत्साहित करना चाहते हैं? अधिकतर शिक्षण संस्थाओं में शुल्क को चेक, नेट बैंकिंग या कार्ड से भुगतान की सुविधा अनिवार्य रुप से होनी चाहिए. अगर कोई व्यक्ति या विद्यार्थी इन सुविधाओं का व्यवहार नहीं करता है, तभी शुल्क इत्यादि को कैश या नगद धनराशि के रूप में सिर्फ बैंक की शाखाओं में ही जमा लेने की व्यवस्था होनी चाहिए.


प्रभाव

जब नदी में ज्वार आता है तो पानी के सभी जहाज ऊपर उठ जाते हैं. यह एक बहुत ही पुरानी कहावत है, लेकिन पिछड़ी दुनिया और विकसित दुनिया के भी कई देशों के लोग अपने व्यक्तिगत हित के लिए काला धन का व्यवहार करना अनुचित नहीं समझते हैं. अपने व्यक्तिगत हित और उन्नति को ही सर्वोपरि रखते हैं. उन्हें देश और मानवता के विकास की चिंता नहीं होती है. आजकल तीसरी दुनिया के देशों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर मिलाकर लगभग 30 से 50% तक है. कई देशों में अप्रत्यक्ष कर लगभग 15% है. इस प्रकार गरीब से गरीब व्यक्ति भी ₹1 खर्च करने पर भी कर का भुगतान कर रहा है. जबकि करोड़ो रुपए काला धन कमाने वाले सरकार को ₹1 भी कर नहीं देते हैं. क्या यह अवस्था उचित है? क्या यह न्याय संगत है?  ऐसा प्रतीत नहीं होता. यह पूर्ण रूपेण अन्यायपूर्ण है. अगर हर व्यक्ति ईमानदारी से अपने कर का भुगतान करें तो सरकार को इतनी अधिक अप्रत्यक्ष कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. जो व्यक्ति मुश्किल से अपना जीवन बसर कर रहा है उसे अपने खर्च की गई राशि का लगभग 15% कर के रूप में नहीं देना पड़ेगा.

काला धन कमाने और व्यवहार करने वाले लोग हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि यह धन सफेद अर्थव्यवस्था में ना आ पाए अर्थात वह कभी भी काला धन को बैंकिंग व्यवस्था में नहीं आने देते हैं. इसका खर्च वो अपने व्यक्तिगत खर्चे और अन्य कर से बचने के लिए किए गए लेन-देन में करते हैं. इस प्रकार काला धन से किए गए लेन-देन भी कालाधन को प्रोत्साहित करते हैं. क्योंकि इस अवस्था में भी जिन व्यक्तियों को यह धन प्राप्त होता है वह लोग भी इसे छिपाते हैं, ताकि उन्हें भी कर ना देना पड़े.

बैंकिंग व्यवस्था से धन बाहर निकल जाने के फलस्वरूप बैंकों के पास ऋण देने लायक धनराशि (लोनेबल फंड) की कमी हो जाती है. इस प्रकार आपूर्ति (सप्लाई) में कमी होने, और मांग (डिमांड) में वृद्धि होने के फलस्वरूप ब्याज दर बढ़ता जाता है. जो कि किसी भी देश के व्यवसाय जगत की उन्नति के लिए एक बाधा है. जब भी ऋण पर ब्याज दर कम होता है, तो उद्योग-धंधों और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की स्थापना और सञ्चालन की जाती है. अगर ब्याज दर अधिक होता है, तो उद्यमी पुरुष इन गतिविधियों में हाथ नहीं लगाते. जिससे बेरोजगारी और खर्च करने लायक आय (डिस्पोजेबल इनकम) में कमी होने लगती है. इसके फलस्वरूप वस्तु और सेवाओं के मांग में और कमी आने लगती है. जिससे उद्योग धंधों के विक्रय और आय में कमी आने लगती है. इस प्रकार आय कम होने से कुछ और लोगों की नौकरी चली जाती है. जिससे बेरोजगारी और बढ़ती है; और गरीबी का यह कुचक्र निरंतर चलता जाता है.

 उद्योग जगत में मंदी के फलस्वरूप सरकार को कर-प्राप्ति (टैक्स कलेक्शन) भी कम होने लगती है. जिससे बुनियादी रचनाओं (इंफ्रास्ट्रक्चर) के निर्माण और जनकल्याण में खर्च घटने लगता है. जिससे अर्थव्यवस्था और पीछे जाने लगती है. जिसके फलस्वरूप सरकार को मजबूरी में कर की दर और बढ़ानी पड़ती है. जिससे आय  को छुपाने की प्रवृति को और बढ़ावा मिलता है, और काले धन में वृद्धि होती है. इसके विपरीत अवस्था में कर के दर में कमी आती और आय छिपाने की प्रवृत्ति में भी कमी आती है. जिसके फलस्वरूप काला धन मूल रूप से कम होने लगता.


निवारण

काला धन का मूल कागज या धातु मुद्रा (पेपर और मेटल करेंसी) है. इसका प्रचलन और प्रसारण धीरे-धीरे कम करने का प्रयास और उपाय करना चाहिए. तो इसका विकल्प क्या होगा? इसका विकल्प वर्तमान समय में भी प्रभावी रूप से विद्यमान हैं. दुनिया के पिछड़े देशों में भी आजकल इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, संदेश (SMS) बैंकिंग, एप्प बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ATM कार्ड, प्रीपेड कार्ड, ई वॉलेट, इत्यादि भुगतान के साधन उपलब्ध हैं. इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि इस ऑनलाइन व्यवस्था या वर्चुअल करेंसी की व्यवस्था की स्थापना, रखरखाव, संचालन और स्थायित्व पर भी बहुत अधिक खर्च हो चुका है; और भविष्य में भी करना पड़ेगा. लेकिन यह बात ध्यान रहे कि आज की वर्तमान परिस्थिति में भी कागज और धातु मुद्रा का भी संचालन और रखरखाव कम खर्चीला नहीं है. आप केवल कल्पना कर सकते हैं कि आज की वर्तमान नगद अर्थव्यवस्था (कैश इकोनॉमी) में कितने कागजी और धातु मुद्रा प्रचलन में है. इनके निर्माण का खर्च, इनके रखरखाव का खर्च, इनके परिवर्तन का खर्च, नकली मुद्रा से बचने का खर्च, इत्यादि भी कम नहीं होंगे.  शायद यह खर्च प्रद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) में लगाए खर्चों से बहुत अधिक होंगे. इस प्रकार हमें धीरे-धीरे  कैश इकोनॉमी से कैशलेस इकोनॉमी (नकद रहित अर्थव्यवस्था) की तरफ कदम बढ़ाने का प्रयास करते रहना चाहिए.

जो संस्था व्यापार लाइसेंस (ट्रेड लाइसेंस) का आवेदन करती है उन्हें अनिवार्य रूप से धनारोपण यंत्र (चार्ज मशीन) लगाना होगा. इस प्रकार कई क्रेता अपने कार्ड के जरिए भुगतान कर पाएंगे. इससे चिल्लर की समस्या का समाधान होगा; कैश के व्यवहार में कमी आएगी; और नकली मुद्रा की समस्या का भी समाधान होगा. विक्रेता के लिए कैश हैंडलिंग जोखिम और खर्च भी घटेगा.

कई विशालकाय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जैसे रेल मार्ग, बीमा कंपनी, डाक सेवा, तेल और गैस विक्रेता कंपनी, इत्यादि आज भी कार्ड भुगतान पर अतिरिक्त चार्ज लेते हैं. जो कि ऐसे क्रेताओं को हतोत्साहित करता है जो सफेद धन का उपयोग करना चाहते हैं. इस प्रकार कैश के व्यवहार यानी काला धन को प्रोत्साहन मिलता है. अतिरिक्त चार्ज लेने के बदले जो व्यक्ति कार्ड से भुगतान करते हैं उन्हें छूट या कैशबैक मिलना चाहिए. क्योंकि उन्होंने अपने आय पर पहले ही कर चुका दिया है. इसके विपरीत जो व्यक्ति या संस्था जानबूझकर कैश का व्यवहार करना चाहते हो, उन पर एक सुनिश्चित सीमा के बाद कैश लेन-देन सरचार्ज लगाना चाहिए. यह न्यायसंगत भी है, क्योंकि उन्होंने शायद अपने आय पर कर का भुगतान नहीं किया था. जो उन्हें आज सरचार्ज के रूप में करना पड़ेगा.

 इंग्लैंड (UK) में सर्वाधिक मूल्य की मुद्रा £50 (50 पाउंड) की है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि कई एशियाई देशों के मुद्रा का मूल्य इंग्लैंड देश की मुद्रा से कम है. फिर भी अगर बहुत कम फेस वैल्यू (अंकित मोल) की मुद्रा का केवल प्रचलन किया जाए, तो काला धन की समस्या से बचा जा सकता है. उदाहरण के रूप में अगर भारत में केवल ₹10 की मुद्रा चले, तो अगर किसी के पास ₹100 करोड़ का कालाधन है, तो उसे लगभग 10 लाख ₹10 के नोट रखने पड़ेंगे, जोकि व्यवहारिक रुप से बहुत आसान नहीं होगा. इससे कानूनी अधिकारियों और कानून पालन अभिकर्ताओं को काला धन रखने वालों की पहचान और पकड़ करने में आसानी होगी.

अनन्य पहचान पत्र या संख्या (यूनिक आइडेंटिफिकेशन कार्ड/नंबर)
अगर किसी भी देश के हर नागरिक को उनकी उंगलियों के चिंह, रेटीना चिन्ह, इत्यादि के आधार पर एक अनन्य पहचान संख्या या कार्ड जारी कर दिया जाए, तो किसी भी व्यक्ति के लिए अपनी पहचान छुपाना कठिन कार्य होगा. इस अनन्य पहचान संख्या के आधार पर ही कोई व्यक्ति अपना बैंक खाता या मोबाइल कनेक्शन ले पाएगा. इसके अभाव में कोई भी व्यक्ति बैंक में खाता खुलवा या मोबाइल कनेक्शन नहीं ले पाएगा. इस प्रकार कोई भी व्यक्ति केवल एक ही बैंक खाता खुलवा और चला पाएगा. उसको आजादी होगी कि वह अपने मनपसंद बैंक में अपना खाता चला सके. उसे किसी भी पसंदीदा बैंक में जाकर अपनी अनन्य पहचान संख्या या उससे आधारित कोई विशिष्ट संख्या बतानी होगी, और उसका खाता प्रौद्योगिकी के उपयोग से तत्काल प्रभाव से उस बैंक में हस्तांतरित हो जाएगा. इस प्रकार कोई भी व्यक्ति अलग-अलग पहचान पत्रों के आधार पर कई बैंकों में कई खाता नहीं खुला पाएंगे. इससे किसी भी व्यक्ति के कुल आय का पता वैधानिक अधिकारी  आसानी से कर पाएंगे, और करारोपण में सहायता होगी.

 अनन्य पहचान की व्यवस्था को स्थापित करने और उसके रखरखाव में भी प्रौद्योगिकी पर बहुत अधिक खर्च करना पड़ेगा. लेकिन यह स्पष्ट है कि यह खर्च इस व्यवस्था के फलस्वरूप कर चोरी में कमी से बहुत कम होगी; और इस व्यवस्था को लागत प्रभावी यानी कॉस्ट इफेक्टिव व्यवस्था कहा जा सकता है.

टिप्पणी: 
• इस ब्लॉग में उल्लेखित किसी भी विचार  का किसी भी मृत या जीवित व्यक्ति या सत्ता  से कोई संबंध नहीं है. किसी भी प्रकार का मेल केवल संयोग मात्र है. पाठकों से पाठक-सुलभ दृष्टिकोण अपेक्षित है. 

• This blog may be read in English at bmengcj.blogspot.com.

ऑनलाइन भुगतान और हस्तांतरण

संक्षिप्त विवरण

इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ATM कार्ड, प्रीपेड कार्ड, इत्यादि का व्यवहार किसी व्यक्ति या संस्था के बैंक खातों में धन हस्तांतरण; बिलों के भुगतान; प्रीपेड मोबाइल सेवा, डायरेक्ट-टू-होम टीवी (DTH TV) सेवा, इंटरनेट सेवा मेट्रो कार्ड, टोल टैक्स कार्ड, ई-वॉलेट इत्यादि के रिचार्ज; शिक्षण संस्थाओं और विभिन्न परीक्षाओं के शुल्क के भुगतान; बस, ट्रेन और हवाई यात्रा की टिकट खरीदने इत्यादि के लिए किया जा सकता है.

इस सेवा का व्यवहार विभिन्न प्रकार के व्यवसायिक संस्था विभिन्न प्रकार के भुगतान और निवेश के लिए कर सकते हैं.

निम्नलिखित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर इस विषय को और अधिक स्पष्ट करेंगे.

प्रश्न. इसके लिए योग्य पात्र कौन है? 

उत्तर. कोई भी व्यक्ति या संस्था जिनके पास इंटरनेट बैंकिंग सेवा की सुविधा, या डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ATM कार्ड, प्रीपेड कार्ड, परचेस कार्ड या पेमेंट कार्ड, इत्यादि हो इस सेवा के व्यवहार के लिए सुयोग्य पात्र है.

प्रश्न. इस सेवा के व्यवहार के लिए मेरे पास और क्या क्या होना चाहिए? 

उत्तर. इस सेवा का लाभ उठाने के लिए आपके पास एक कंप्यूटर, लैपटॉप या स्मार्टफोन या टैब इत्यादि होना चाहिए. आपको एक सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन और एक सक्रीय मोबाइल नंबर की भी आवश्यकता होगी.

प्रश्न. मैं धन का हस्तांतरण किसी के बैंक खाता में कैसे कर सकता हूं? 

उत्तर. आप किसी व्यक्ति या संस्था के बैंक खाता में निम्नलिखित तरीकों से धन हस्तांतरण कर सकते हैं.

• NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) 
इस सेवा का व्यवहार करने के लिए आपको जिसे धन भेजना है उसका बैंक खाता संख्या उसके बैंक का IFS कोड, बैंक-शाखा का नाम, इत्यादि की आवश्यकता होगी. कुछ बैंक धन प्राप्त करने वाले का नाम तथा मोबाइल संख्या इत्यादि भी मांगते हैं.

इसके द्वारा कोई भी धनराशि हस्तांतरित कर सकते हैं.

आप किसी भी व्यक्ति को धन तत्काल भी भेज सकते हैं और भविष्य के किसी तारीख पर धन हस्तांतरण के लिए अग्रिम ही लेन-देन सुरक्षित कर सकते हैं.

अगर आप व्यवसाइक समय के पश्चात एनईएफटी के जरिए धन हस्तांतरित करते हैं, तो धन अगले व्यवसायिक दिन को हस्तांतरित किया जाता है. लेकिन आप के खाता से धन तुरंत ही निकाल लिया जाता है. यह हस्तांतरण जत्था में किया जाता है. इसलिए धन के हस्तांतरण में कुछ समय लग सकता है. आप इस सेवा का व्यवहार आपके क्रेडिट कार्ड के भुगतान के लिए भी कर सकते हैं. लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपकी क्रेडिट कार्ड कंपनी एनईएफटी भुगतान स्वीकार करती हो. इसका उपयोग आप मोबाइल ऐप-आधारित बैंक खाता में धन जमा करने के लिए भी कर सकते हैं. जैसे डीबीएस बैंक द्वारा दी जाने वाली डिजिसेविंग खाता की सेवा.

यह ध्यान रखें कि आप इस सेवा के लिए बैंक शाखा में भी आग्रह कर सकते हैं.

• RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) 
आप इस सेवा का उपयोग Rs.200,000 या अधिक धनराशि हस्तांतरित करने के लिए कर सकते हैं. इस अवस्था सेवा के उपयोग से धन तत्कालिक हस्तांतरित होता है. इसमें वही सूचनाएं आवश्यक होती है जो कि उपरोक्त एनईएफटी के लिए आवश्यक हैं.

कृपया ध्यान रखें कि एनईएफटी और आरटीजीएस सेवाएं केवल व्यवसायिक समय पर ही उपलब्ध होते हैं. छुट्टियों के दिन और बैंकिंग समय के बाद यह सेवाएं उपलब्ध नहीं रहती.

• IMPS (इमीडिएट पेमेंट सर्विस) 
इस सेवा के उपयोग से आप किसी भी व्यक्ति के बैंक खाता में चौबीसों घंटे और सप्ताह के सातो दिन धन तत्काल हस्तांतरित कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ उठाने के लिए आपको जिसे धन भेजना है उसका बैंक खाता संख्या और IFS कोड या उसका मोबाइल नंबर और MMID (मोबाइल मनी आइडेंटिफायर्स) की आवश्यकता होती है. इसमें कोई भी धनराशि तत्काल हस्तांतरित की जा सकती है. कई बैंक इस सेवा सेवा को अन्य नामों, जैसे quick pay इत्यादि, के द्वारा प्रदान करते हैं.

MMID एक 7 अंको की एक अनन्य संख्या है जो बैंक द्वारा खाता धारक को जारी की जाती है.

इन सेवाओं का उपयोग SMS बैंकिंग और यूएसएसडी (USSD) बैंकिंग के जरिए भी किया जा सकता है. SMS बैंकिंग में आपको बैंक द्वारा जारी किए गए कुछ पूर्व निर्धारित शब्दों का व्यवहार करना पड़ता है. और इसे बैंक के एक विशेष नंबर पर अपने पंजीकृत मोबाइल से भेजना पड़ता है. यह एक SMS संदेश के रूप में भेजा जाता है. और क्रमानुसार आपको आपके SMS संदेश का उत्तर मिलता रहता है. और इस प्रकार आप का लेनदेन पूरा हो जाता है. इस सेवा के उपयोग के लिए आप को पहले से ही पंजीकरण कराना पड़ता है.

 USSD सेवा के उपभोग के लिए आपको बैंक द्वारा प्रदान किए गए USSD नंबर, जैसे *99# इत्यादि का उपयोग करना पड़ेगा; और आपके सामने एक सूची आपके मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी. इस सूचियों में कई विकल्प होंगे. इसमें से आपको आवश्यकतानुसार सही विकल्प चुनना होगा; और क्रमानुसार आपका लेनदेन पूरा हो जाएगा.


प्रश्न. क्या एनईएफटी, आरटीजीएस और आईएमपीएस के जरिए धन हस्तांतरण के लिए कोई शुल्क यानि चार्ज लिया जाता है?

उत्तर. अधिकतर बैंक इन सेवाओं के लिए नाम मात्र का शुल्क लेते हैं. लेकिन कुछ बैंक इन सेवाओं को निशुल्क भी प्रदान करते हैं. और कुछ अन्य बैंकों में यह सेवा एक सीमा तक निशुल्क है; और उसके बाद इस पर नाम मात्र का शुल्क लगाया जाता है.

प्रश्न. मैं बिलों या करों का भुगतान कैसे कर सकता हूं? 

उत्तर. बात भी लिया करों का भुगतान आपके बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली इंटरनेट बैंकिंग सेवा के जरिए भी कर सकते हैं इसके लिए आपको अपने इंटरनेट बैंकिंग में लॉग इन करना होगा और बिल पेमेंट या टैक्स पेमेंट विकल्प को चुनना होगा. इस विकल्प में आपको एक बिलर की सूची मिलेगी. इस सूची से आपको आवश्यकता अनुसार सही बिलर को चुनना होगा. इसके पश्चात आपको बिल संख्या, इनवॉइस संख्या या कंज़यूमर यानी उपभोक्ता संख्या, इत्यादि डालना पड़ेगा. इसके पश्चात आपको या तो पूरी बिल राशि या आशिक बिल राशि का भुगतान करना पड़ेगा.

बिलों का भुगतान डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ATM कार्ड, इत्यादि से भी कर सकते हैं. इस अवस्था में आपको उपयोगिता प्रदान करने वाली कंपनी की वेबसाइट या किसी भी अन्य ई-कॉमर्स साइट, जैसे बिलडेस्क डॉट कॉम (billdesk.com), paytm.com इत्यादि पर जाना होगा; और वहां पर बिलों के भुगतान का उचित विकल्प चुनना होगा. आपको अपनी पहचान बिल संख्या, इनवॉइस संख्या, उपभोक्ता संख्या (कंज्यूमर नंबर) इत्यादि के द्वारा करनी होगी. या तो आप को पूरा भुगतान करना पड़ेगा; और अगर यह कंपनी आंशिक भुगतान स्वीकार करती है, तो आप आंशिक भुगतान भी कर पाएंगे. आपकी पहचान सुनिश्चित होने के बाद आपको भुगतान का विकल्प चुनना होगा_ यानी डेबिट, क्रेडिट या ATM कार्ड, इत्यादि. चुने गए भुगतान विकल्प के अनुसार आपको अपना कार्ड नंबर, जो कि 15 या 16 अंकों का हो सकता है, कार्ड पर अंकित आपका नाम, कार्ड का एक्सपायरी डेट, कार्ड का CVV नंबर_ जो कि कार्ड के पिछले हिस्से में हस्ताक्षर पट्टी यानी सिग्नेचर पैनल के पास कार्ड के आखिरी 4 अंकों के बाद मुद्रित रहता है. CVV संख्या 1 गुप्त संख्या है. इसे किसी और को बताना उचित नहीं है. इसके पश्चात या तो आपको वेरिफाइड बाई वीजा या मास्टर कार्ड सिक्योर कोड पासवर्ड यानी गुप्त शब्द का व्यवहार करना पड़ेगा. या आप अपने पंजीकृत मोबाइल पर एक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भी मंगा सकते हैं. पासवर्ड/ओटीपी डालने के बाद आपका कार्ड डेबिट हो जाएगा, अर्थात आप का भुगतान हो गया है. लेकिन बिलिंग कंपनी आपका खाता क्रेडिट करने में कुछ समय ले सकते हैं. साधारणतया इसमें दो से 3 दिन का समय लग सकता है. लेकिन आपका खाता भुगतान की तारीख पर ही क्रेडिट किया जाता है.

 टैक्सों के भुगतान के लिए आपको अपना एससेसी नंबर या डिमांड नोटिस नंबर की आवश्यकता पड़ेगी. बाकी भुगतान की विधि उपरोक्त विधि के समान है.

ई वॉलेट का व्यवहार करने के लिए आपको किसी भी इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट साइट, जैसे पे यू मनी, पेटीएम, पॉकेट (ICICI Bank), payzapp (HDFC Bank), इत्यादि पर अपना पंजीकरण कराना पड़ेगा; और उस में नेट बैंकिंग या डेबिट/क्रेडिट/ATM कार्ड इत्यादि के द्वारा उसमें धन जमा करना पड़ेगा. इसी धन का उपयोग आप विभिन्न बिलों के भुगतान के लिए कर सकते हैं.

प्रश्न. क्या मैं आंशिक भुगतान कर सकता हूं?

उत्तर. अगर आपका सेवा प्रदान करने वाली कंपनी आंशिक भुगतान स्वीकार करती है, तो आप आंशिक भुगतान कर पाएंगे. अन्यथा नहीं कर पाएंगे. आपको बिल की पूरी धन राशि का भुगतान करना पड़ेगा. उदाहरण के रूप में आप अपने बिजली के बिल का आंशिक भुगतान नहीं कर सकते हैं, लेकिन मोबाइल, क्रेडिट कार्ड बिल, इत्यादि का आंशिक भुगतान कर सकते हैं.


प्रश्न. मोबाइल, डाटा कार्ड, DTH TV, इत्यादि का रिचार्ज कैसे किया जा सकता है?

 उत्तर. मोबाइल इत्यादि का रिचार्ज करने के लिए आपको या तो सेवा प्रदान करने वाले कंपनी की वेबसाइट या अन्य किसी भी ई कॉमर्स साइट पर जाना पड़ेगा. विकल्प के अनुसार आप जिस साइट पर गए हैं उस साइट पर भुगतान का उचित विकल्प चुन कर आपको अपनी ग्राहक पहचान संख्या यानी कंजूमर आइडेंटिफिकेशन नंबर डालना पड़ेगा. मोबाइल रिचार्ज की मामले में आप का मोबाइल नंबर, डाटा कार्ड रिचार्ज के मामले में आपका कस्टमर ID, और d2h रिचार्ज के मामले में आपका कस्टमर ID, इत्यादि आपकी ग्राहक पहचान संख्या है. आपको उचित धनराशि का चुनाव करना पड़ेगा जिससे आप रिचार्ज करना चाहते हैं. और भुगतान की विधि इंटरनेट बैंकिंग, कार्ड या वालेट के अनुसार उपरोक्त विधि के समान है.

प्रश्न. ईस सेवा के लिए क्या सेवा प्रदान करने वाली कंपनी या इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स साइट कोई चार्ज या शुल्क लेते हैं?

उत्तर. साधारणतया सेवा प्रदान करने वाली कंपनी या इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स साइट इस सुविधा को प्रदान करने के लिए कोई शुल्क लिया चार्ज नहीं लेते हैं. इसके अलावा आपको कैशबैक या छूट भी मिलता है.

लेकिन कुछ सार्वजनिक उपक्रम जैसे भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), भारतीय रेल, सरकारी विमान कंपनी, तेल और गैस बेचने वाली सरकारी कंपनियां, इत्यादि ऑनलाइन भुगतान पर सरचार्ज या सुविधा शुल्क लेते हैं.

इस साल के केंद्रीय बजट में यह कहा गया है कि सभी प्रकार के ऑनलाइन भुगतान या कार्ड भुगतान पर किसी भी प्रकार का सरचार्ज या सुविधा शुल्क इत्यादि नहीं रहेगा. लेकिन अभी भी सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ उपक्रम यह शुल्क ले रहे हैं. शायद आने वाले दिनों में किसी भी प्रकार का सरचार्ज या शुल्क समाप्त हो जाएगा.

ऐसा नकद के व्यवहार को कम करने के लिए किया गया है जिससे काला धन के प्रचार और निर्माण में कमी होगी और सरकार को उचित मात्रा में कर प्राप्त होता रहेगा.

प्रश्न. क्या मैं डेबिट कार्ड का उपयोग किसी बैंक खाता में धन हस्तांतरण या जमा करने के लिए कर सकता हूं?

 उत्तर. साधारण रुप से डेबिट कार्ड का उपयोग किसी बैंक खाता में धन हस्तांतरण के लिए नहीं किया जा सकता. डेबिट कार्ड का उपयोग ऑनलाइन शॉपिंग, बिलों के भुगतान, रिचार्ज, टैक्सों के भुगतान, इत्यादि के लिए किया जा सकता है. लेकिन वर्तमान समय में कुछ बैंक मोबाइल एप पर आधारित बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. इन बैंक खातों में  नगद या चेक जमा नहीं किया जा सकता. इनमें केवल इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, इत्यादि के माध्यम से ही धन जमा किया जा सकता है. जैसे डीबीएस बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली डिजिसेविंग खाता. इस खाता में आप अपने डेबिट कार्ड का उपयोग धन जमा करने के लिए वैसे ही करते हैं जैसे आप ऑनलाइन शॉपिंग या बिलों के भुगतान के लिए करते हैं.

ध्यान रहे कि क्रेडिट कार्ड का उपयोग कभी भी किसी बैंक खाता में धन हस्तांतरण या जमा करने के लिए नहीं किया जा सकता है. इसका उपयोग केवल ऑनलाइन शॉपिंग, बिलों के भुगतान, टैक्स के भुक्तान, रिचार्ज, इ-वॉलेट इत्यादि में धन जमा करने के लिए किया जा सकता है.

प्रश्न. इसके अलावा क्या कोई अन्य लाभ भी है? 

 उत्तर. समय और ऊर्जा बचाने के अलावा आप इस प्रकार के लेन-देन पर अतिरिक्त छूट, कैशबैक,  रिवार्ड प्वाइंट, इत्यादि भी प्राप्त कर सकते हैं. रिवार्ड पॉइंट्स को बाद में सामान खरीदने, रिचार्ज करने या बिलों के भुगतान के लिए भी किया जा सकता है. कई बैंक रिवार्ड प्वाइंट को नगद में परिवर्तित करने का विकल्प प्रदान करते हैं. इस प्रकार के लेन-देन में सामान्य रूप से ₹100 खर्च या हस्तांतरित करने पर एक रिवार्ड प्वाइंट या पुरस्कार बिंदु प्राप्त होती है. सामान्य रूप से एक रिवार्ड पॉइंट का मोल लगभग 25 पैसे होता है. यह सारी सुविधाएं आपको नगद या चेक लेन देन पर नहीं मिलता है.


प्रश्न. मैं ऑनलाइन शॉपिंग के समय धन का भुगतान कैसे कर सकता हूं?

उत्तर. ऑनलाइन शॉपिंग के समय आप धन का भुगतान बहुत आसानी से कर सकते हैं. ऑनलाइन शॉपिंग के समय जब आप अपने सामान को पसंद कर लेते हैं और आप अपने शॉपिंग कार्ट में उसे जोड़ लेते हैं. तब आपको चेक आउट करना पड़ता है. चेक आउट के पश्चात आपको अपना पता इत्यादि सुनना पड़ता है. इसके बाद आपको धन भुगतान का विकल्प चुनना पड़ता है. धन भुक्तान का विकल्प इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड इत्यादि हो सकते हैं. विकल्प के अनुसार आपको अपना लॉगिन सूचना इत्यादि डालना पड़ेगा; जैसे इंटरनेट बैंकिंग के समय आपको लॉगिन ID और पासवर्ड और डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के अवस्था में आपको कार्ड नंबर डालना पड़ेगा. इसके पश्चात आपको या तो पासवर्ड यानी गुप्त शब्द या वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का व्यवहार करना पड़ेगा. जो आपको आपके बैंक द्वारा आपके पंजीकृत मोबाइल पर भेजा जाएगा. यह क्रिया पूरी करने के बाद आपके धन का भुगतान हो जाएगा. आपको यह सूचना इस वेबसाइट पर ही दिखाई देगी और बैंक से भी आपको एक संदेश प्राप्त होगा.


प्रश्न. मैं शिक्षण संस्थाओं और विभिन्न नौकरी की परीक्षाओं के शुल्क का भुगतान कैसे कर सकता हूं?

उत्तर. कुछ शिक्षण संस्थाएं और सार्वजनिक नियोग प्राधिकरण इत्यादि नौकरी की परीक्षाओं के लिए शुल्क ऑनलाइन स्वीकार करते हैं .इन संस्थाओं के शुल्कों का भुगतान आप उपरोक्त उपाय के द्वारा आसानी से कर सकते हैं. इस अवस्था में भी आपको अपनी पहचान सुनिश्चित करनी होगी. इसके लिए आपको शिक्षण संस्थाओं के पहचान संख्या जैसे रोल नंबर इत्यादि और नौकरी परीक्षाओं के लिए भी आप अपने रोल नंबर इत्यादि का व्यवहार कर सकते हैं.

प्रश्न. मुझे भुगतान की रसीद कैसे मिलेगी?

 उत्तर. कुछ बिलर भुगतान की कागजी रसीद आपको आपके ठिकाने पर भेज देते हैं. लेकिन अन्य अवस्थाओं में आपको रसीद की सॉफ्ट प्रति यानी सॉफ्ट कॉपी आपको आपके ईमेल इनबॉक्स पर या आपके मैसेज इनबॉक्स पर एक संदेश के रूप में भेजी जाती है. इन्हें आवश्यकता पड़ने पर आप प्रिंट यानि मुद्रित भी कर सकते हैं. सामान्यतः आवर्ती बिलों; जैसे बिजली के बिल, क्रेडिट कार्ड के बिल, इत्यादि के भुगतान की अवस्था में आगामी महीने के बिल में आपके भुगतान को स्वीकार किया जाता है.


प्रश्न. में भुगतान का साक्ष्य कैसे दे सकता हूं?/ मैं यह कैसे साबित कर सकता हूं कि मैंने भुगतान किया है?

उत्तर. इंटरनेट बैंकिंग के व्यवहार के अवस्था में प्रत्येक लेन देन आपके पास बुक या स्टेटमेंट में मुद्रित होकर आएगा. डेबिट कार्ड की अवस्था में भी प्रत्येक लेनदेन आपके पास बुक या बैंक स्टेटमेंट में प्रदर्शित होगा. क्रेडिट कार्ड की अवस्था में प्रत्येक लेन देन मासिक स्टेटमेंट में प्रदर्शित होगा. और अगर आपको डिजिटल रसीद प्राप्त हुआ है तो उसकी एक प्रति भी साक्ष्य के रूप में मान्य होगी.


प्रश्न. गलती की संभावना कितनी है?

उत्तर. अगर आप ग्राहक पहचान संख्या या ग्राहक संबंध संख्या इत्यादि और भुगतान संबंधी सूचनाओं को सही-सही दर्ज करेंगे, तो किसी भी प्रकार की गलती या भूल की संभावना न्यूनतम हो जाएगी.


प्रश्न. क्या भुगतान असफल भी हो सकता है?

उत्तर. हां कई अवस्था में भुगतान असफल भी हो सकता है. अगर आपके बैंक खाता में पर्याप्त शेष राशि ना हो या आपके क्रेडिट कार्ड की साख सीमा समाप्त हो गई हो, तो आप के धन का भुगतान असफल हो जाएगा. कई बार तकनिकी खराबियों के कारण भी भुगतान असफल हो जाता है. लेकिन इन अवस्था में या तो आपका धन आपको वापस मिल जाएगा या कुछ समय के पश्चात यह धन आपके सेवा प्रदान करने वाली कंपनी को प्राप्त हो जाएगा. कभी-कभी सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां आपके द्वारा दिए गए धन को अपने नियमों के कारण नहीं रख पाते हैं. इस अवस्था में वह इस धन को आप को लौटा देते हैं.

प्रश्न. इस प्रकार के लेन-देन में धोखाधड़ी की संभावनाएं कितनी है? 

उत्तर. अगर आप हर प्रकार की सावधानी बरतेंगे, तो धोखाधड़ी की संभावना न्यूनतम हो जाती है. लेकिन धोखाधड़ी की संभावनाओं को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है. क्योंकि कई प्रकार की गैर कानूनी गतिविधियों और व्यवहारको कि असावधानियों के कारण धोखाधड़ी की संभावनाएं उत्पन्न होती है.


प्रश्न. इसमें और कौन सी असुविधाएं हो सकती है?

उत्तर. कभी-कभी मोबाइल रिचार्ज इत्यादि पूरी तरह से सफल नहीं हो पाते हैं. और आपको कुछ समय तक इंतजार करना पड़ता है. लेकिन एक सामान्य समय के पश्चात या तो आपका धन आपको वापस मिल जाता है या आप का रिचार्ज इत्यादि सफल हो जाता है.


प्रश्न. क्या यह देश अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए अच्छा है?

उत्तर. हां, यह देश, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए अच्छा है. क्योंकि उसके व्यवहार से नगद या कैश का व्यवहार घटता है. जिससे कागज की बचत होती है. जो पर्यावरण के लिए लाभदायक है.

 और इससे काला धन की उत्पत्ति और प्रसार में भी कमी आती है जिससे अर्थव्यवस्था में उछाल आता है. और सरकार को उचित मात्रा में टैक्स की प्राप्ति होती है.



प्रश्न. इस ब्लॉग का उद्देश्य क्या है? 

उत्तर. इस ब्लॉक का उद्देश्य पाठकों को इस विषय वस्तु पर मेरे विचारों से अवगत कराना है. मेरा उद्देश्य किसी भी व्यक्ति को इन सुविधाओं का उपयोग करने के लिए उत्साहित या हतोत्साहित करना नहीं है. यह धन से जुड़ा हुआ मामला है. इसलिए प्रत्येक जानकारी का सत्यापन आप विश्वसनीय और स्वतंत्र स्रोतों से अवश्य कर ले और तभी कोई निर्णय ले. धन्यवाद.

इंटरनेट बैंकिंग या नेट बैंकिंग

संक्षिप्त विवरण

यह सुविधा भारत इत्यादि में व्यापारिक बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को प्रदान की जाती है| इसकी सहायता से कोई भी खाताधारक (व्यक्ति या संस्था) इंटरनेट के माध्यम से अपने खाता संबंधित जानकारियों को देख सकते हैं; और कुछ वित्तीय और गैर वित्तीय लेन-देन भी कर सकते हैं|

निन्नलिखित प्रश्नोत्तर इस विषय को और अधिक स्पष्ट करेंगे|

प्रश्न. इस सुविधा के व्यवहार से क्या-क्या लाभ हैं? मैं इससे क्या-क्या कर सकता हूं?

उत्तर. इसके व्यवहार से आप अपने बैंक खाता से संबंधित कई जानकारियां आसानी से हासिल कर सकते हैं| जैसे लेनदेन विवरण, शेष धनराशि, ब्याज प्रमाण पत्र, TDS प्रमाण पत्र, फॉर्म 26एएस, डेबिट कार्ड-ऑनलाइन फंड ट्रांसफर इत्यादि की अधिकतम सीमा इत्यादि की जांच करना|

इसके अलावा आप कुछ वित्तीय लेन-देन भी कर सकते हैं, जैसे अपने अन्य खातों में धनराशि का हस्तांतरण, जैसे पीपीएफ (लोक भविष्य निधि कोष) खाता, सुकन्या समृद्धि योजना, अन्य चालू खाता या आवर्ती जमा खाता, इत्यादि में आप धन हस्तांतरित कर सकते हैं|

इसके अलावा आप किसी अन्य व्यक्ति के बैंक खाता में भी धन हस्तांतरित कर सकते हैं इसके लिए आपको उस व्यक्ति के बैंक खाता की संख्या और आई एफ एस कोड (IFSC) या मोबाइल नंबर और MMID की आवश्यकता होगी|

इसके अलावा आप स्वयं ही आवर्ती जमा खाता (रेकरिंग डिपॉजिट) या सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) खाता खोल सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बंद भी कर सकते हैं|

इसके उपयोग से आप अपनी बीमा प्रीमियम, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, मोबाइल बिल, इत्यादि का भुगतान भी कर सकते हैं

इसके उपयोग से आप शिक्षण संस्थानों के शुल्क और नौकरी इत्यादि की परीक्षाओं के शुल्क भी जमा कर सकते हैं

आप विभिन्न करों का भुगतान कर सकते हैं, जैसे नगर पालिका कर, आयकर, इत्यादि|

इसकी सहायता से आप प्रीपेड मोबाइल, DTH, इत्यादि रचार्ज भी कर सकते हैं|

इसके जरिए आप कुछ गैर वित्तीय लेन-देन भी कर सकते हैं, जैसे चेक बुक के लिए आवेदन, डिमांड ड्राफ्ट के लिए आवेदन, डाक पता और ईमेल पता मे परिवर्तन, गमनशब्द यानी पासवर्ड में परिवर्तन, डेबिट कार्ड और ऑनलाइन फंड ट्रांसफर की सीमा में परिवर्तन, इत्यादि|

आप स्वतह बिल भुगतान सेवा यानी ऑटो बिल पेमेंट फसिलिटी का भी लाभ उठा सकते हैं| इससे आपके आवर्ती बिलों का भुगतान स्वतह ही होता रहेगा; और आपको छूट या कैशबैक भी मिल सकता है| बैंक इसके लिए बहुत कम चार्ज करते हैं; और कई बैंकों में यह सुविधा मुफ्त है|

प्रश्न. इसके लिए योग्य पात्र कौन हैं?
उत्तर. कोई भी सामान्य खाताधारक इस सुविधा के लिए आवेदन कर सकता है|

प्रश्न. इस सुविधा के उपयोग के लिए मेरे पास क्या क्या होना चाहिए?

उत्तर. इस सुविधा के उपयोग के लिए आपको एक कंप्यूटर/ लैपटॉप/ टैब/ स्मार्टफोन, इत्यादि और इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होगी.

प्रश्न. में यह सुविधा कैसे प्राप्त कर सकता हूं?

उत्तर. इस सुविधा के लिए आपको बैंक में एक उपयुक्त फॉर्म भरना होगा; और बैंक आपको आपका यूजर नेम और लॉग इन पासवर्ड और ट्रांजेक्शन पासवर्ड प्रदान करेगा|

इसके अलावा आप ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं| इस अवस्था में आपको खुद ही यूजर नेम और लॉग इन पासवर्ड और ट्रांजेक्शन पासवर्ड बनाना पड़ेगा|

प्रश्न. ऑनलाइन आवेदन की क्या विधि है? ऑनलाइन आवेदन कैसे किया जा सकता है? 
उत्तर. इंटरनेट बैंकिंग या नेट बैंकिंग के लिए आप ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं| इसके लिए आपको बैंक के आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा; और आपको उपयुक्त विकल्प चुनना होगा | आपको अपना कस्टमर पहचान संख्या, खाता संख्या, डेबिट कार्ड नंबर, डेबिट कार्ड का एक्सपायरी डेट, डेबिट कार्ड पर मुद्रित नाम, CVV नंबर, अपना मोबाइल नंबर, जन्म तिथि, इत्यादि डालना पड़ेगा| आपको आपके मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड मिलेगा| इस वन टाइम पासवर्ड को आपको बैंक के वेबसाइट पर एंटर करना होगा| जिससे आपका यह क्रियाकलाप सत्यापित हो जाएगा| इस अवस्था में आपको अपना यूजर नेम खुद ही बनाना पड़ेगा| 

कई बैंकों में कस्टमर आईडी को ही यूज़रनेम की तरह व्यवहार करना पड़ता है| आपको 2 पासवर्ड बनाने पड़ेंगे| 1 पासवर्ड लॉग इन करने के लिए और दूसरा पासवर्ड कई प्रकार के लेनदेन करने के लिए|

प्रश्न. दो पासवर्ड की क्या आवश्यकता है? क्या दोनों एक ही हो सकते हैं?

उत्तर. आपको दो पासवर्डस् की आवश्यकता आप की ही सुरक्षा के लिए होती है| 1 पासवर्ड की आवश्यकता इंटरनेट बैंकिंग में लोगिन के लिए, और दूसरे पासवर्ड की आवश्यकता कई प्रकार के वित्तीय और गैर वित्तीय लेनदेन करने के लिए होता है|

नहीं, दोनों पासवर्ड एक ही नहीं हो सकते हैं| एक ही प्रकार के पासवर्ड बनाने से आपके इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का दुरुपयोग किया जा सकता है| इस पासवर्ड का उपयोग फंड ट्रांसफर, पेई रजिस्ट्रेशन, बिल पेमेंट, डाक पता और ईमेल पता में परिवर्तन, डेबिट कार्ड और ऑनलाइन लेनदेन की सीमाओं में परिवर्तन, इत्यादि के लिए किया जाता है|

प्रश्न. एक मजबूत गुप्त शब्द या स्ट्रांग पासवर्ड कैसे बनाया जा सकता है?

उत्तर. एक मजबूत गुप्त शब्द बनाने के लिए कृपया एक बड़ा अक्षर, कुछ छोटे अक्षर, कुछ विशेष अक्षर, और कुछ संख्या का व्यवहार करें| कभी भी अपनी जन्मतिथि, गाड़ी का नंबर, मोबाइल नंबर, घर का नंबर, इत्यादि का उपयोग अपने पासवर्ड में ना करें| जिससे किसी के लिए पासवर्ड की कल्पना करना आसान ना हो|

प्रश्न. मैं यह सारे कार्य बैंक की शाखा या ATM में जाकर कर सकता हूं| तो मुझे इंटरनेट बैंकिंग सुविधा की आवश्यकता क्यों पड़ेगी?

उत्तर. यह सही है कि आप अधिकतर कार्य बैंक की शाखा या ATM में कर सकते हैं| लेकिन इसके लिए आपको समय, ऊर्जा (एनर्जी), इत्यादि खर्च करना पड़ेगा. लेकिन इंटरनेट बैंकिंग की सहायता से आपके सारे कार्य घर या कार्यालय में बैठकर भी अपने कंप्यूटर या स्मार्टफोन की सहायता से कर सकते हैं| आप मोबाइल रिचार्ज इत्यादि ATM में भी कर सकते हैं लेकिन आप कई अन्य कार्य ATM में नहीं कर सकते जैसे डेबिट कार्ड या ऑनलाइन बैंकिंग के लेनदेन की सीमा में परिवर्तन; और किसी अन्य व्यक्ति को विलंबित (शेड्यूल्ड) धन हस्तांतरण इत्यादि| क्योंकि शाखा या ATM में केवल तत्काल फंड ट्रांसफर किया जा सकता है, विलंबित ट्रांसफर नहीं| 

इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा से आप बिलों का भुगतान, मोबाइल या डीटीएच रिचार्ज कर सकते हैं| और आपको अतिरिक्त छूट या कैशबैक, रिवॉर्ड प्वाइंट भी मिलता है| जो आपको एटीएम या शाखा में नहीं मिलता|


प्रश्न. इंटरनेट बैंकिंग की सुरक्षा के लिए किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?

उत्तर. निम्नलिखित बातों का ध्यान रखने से इंटरनेट बैंकिंग का दुरुपयोग होने की संभावना न्यूनतम हो जाती है|

कृपया बैंक का URL खुद लिखे किसी भी लिंक इत्यादि पर क्लिक ना करें. हमेशा ध्यान रखें कि वेब एड्रेस https से आरंभ हो रहा है, और ग्रीन पैड लॉक आइकॉन सक्रिय है|

कभी भी अपने पासवर्ड को किसी भी व्यक्ति के साथ साझा न करें. 

कभी भी अपना एटीएम या डेबिट कार्ड, मोबाइल, पिन इत्यादि एक साथ न रखें. 

कभी भी अपने पासवर्ड को या पिन को ना लिखे. इन्हें हमेशा याद कर लें. 

अगर असामान्य समय तक आपके मोबाइल का सिग्नल ना दिखे, तो सेवा प्रदान करने वाली कंपनी से इसके कारणों की जांच करें. आपका SIM का धोखाधड़ी के लिए क्लोनिंग किया जा सकता है.

कभी भी साझा नेटवर्क पर या साझा डिवाइस पर इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा नहीं ले. हमेशा अपने व्यक्तिगत डिवाइस और व्यक्तिगत नेटवर्क या सुरक्षित नेटवर्क का ही उपयोग करें. 

अपने पासवर्ड को बहुत आसान न बनाएं और इन्हें नियमित रूप से बदलते रहें.

इन सब बातों का ध्यान रखने से दुरूपयोग/धोखाधड़ी की संभावनाएं कम हो सकती हैं.

प्रश्न. इसमें क्या-क्या जोखिम है? 

उत्तर. अगर ऊपर के दिए गए सुझाव का पालन किया जाए, तो दुरूपयोग या धोखाधड़ी की संभावनाएं न्यूनतम हो जाती है. लेकिन खबरों के अनुसार कुछ धोखाधड़ी विश्व में होती रहती है. इन धोखाधड़ी की कार्यविधियां अभी तक साधारण जनता को पूर्ण रूप से ज्ञात नहीं है. 

अगर कोई आपके यूजर नेम और पासवर्ड को जान भी जाता है, तो भी वह किसी अन्य व्यक्ति व संस्था को धन हस्तांतरित नहीं कर सकता है. क्योंकि इसके लिए उसे या तो आपका डेबिट कार्ड या आप का रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या दोनों की आवश्यकता होगी. क्योंकि कई बैंक ग्रिड वाले कार्ड जारी करते हैं. जिनके पीछे कुछ अक्षर अंकित जाते हैं. ऑनलाइन लेन देन के समय इनमें से कुछ अक्षरों को डालना पड़ता है. इसके अलावा आपकी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड भी आ सकता है. इस पासवर्ड का उपयोग आप अपने ऑनलाइन लेनदेन के सत्यापन के लिए करेंगे. इनकी अभाव में आपका कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सफल नहीं हो पायेगा. 

अगर आप किसी को भी धन हस्तांतरित करना चाहते हैं, तो उन्हें भी आपको रजिस्टर करना पड़ता है. इसके लिए भी आपके मोबाइल पर एक वन टाइम पासवर्ड आता है. जिसके आभाव में आप उन्हें रजिस्टर भी नहीं कर पाएंगे. अगर किसी ने किसी प्रकार रजिस्टर कर भी लिया, तो भी उन्हें तुरंत धन हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. क्योंकि इसके लिए विभिन्न बैंकों में 4 घंटे से 48 घंटे तक का समय लिया जाता है. इसके बाद ही यह सक्रिय होते हैं. और तब जाकर ही धन भेजा जा सकता है. सक्रिय होने तक रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर कई बार संदेश भेजे जाते हैं; और रजिस्टर्ड ईमेल एड्रेस पर भी ईमेल भेजे जा सकते हैं. जिससे वास्तविक खाता धारक सजग हो जाता है. और किसी भी दुरुपयोग या धोखाधड़ी की संभावना होने से अपने बैंक को इसकी जानकारी देता है. जिससे उसकी इंटरनेट बैंकिंग सुविधा को अल्पकाल या दीर्घकाल के लिए निष्क्रिय कर दिया जाता है. इस प्रकार इंटरनेट बैंकिंग का दुरूपयोग करके धोखाधड़ी करना अगर असंभव नहीं, तो बहुत कठिन अवश्य है.

प्रश्न. जोखिम की संभावना कितनी है?

उत्तर. समाचार माध्यमों के अनुसार ऑनलाइन धोखाधड़ी की संख्या नगण्य है. फिर भी आपको इस सूचना का सत्यापन स्वतंत्र और विश्वसनीय स्रोतों से कर लेना चाहिए. क्योंकि मेरी हर बात पर आंख बंद करके विश्वास करने की कोई आवश्यकता नहीं है. 

प्रश्न. क्या आप खुद भी इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा का उपयोग करते हैं? अगर हां, तो कितने समय से?

उत्तर. मैं व्यक्तिगत रूप से लगभग एक दशक से इस सुविधा का उपयोग कर रहा हूं. लेकिन मैं यह भी ध्यान दिलाना चाहता हूं कि मैं उपरोक्त सावधानियों का हर समय यथासंभव ध्यान रखता हूं.

प्रश्न. क्या आप किसी को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं जो इंटरनेट या ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी का शिकार हुआ हो? 

उत्तर. नहीं, मैं व्यक्तिगत रुप से किसी व्यक्ति को नहीं जानता; और मैंने इस प्रकार की धोखाधड़ी की जितनी खबरें पढ़ी हैं वह सभी शायद विदेशों से ही आई थी.

प्रश्न. हर सावधानी का ध्यान रखने के बावजूद मेरे इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का दुरुपयोग धन हस्तांतरित या खर्च करने के लिए किया गया. मुझे क्या करना चाहिए?

उत्तर. इस दुर्घटना की जानकारी आप सर्वप्रथम अपने बैंक और पुलिस को दें. अपने इंटरनेट बैंकिंग के पासवर्ड बदलने की कोशिश करें. अगर आप ऐसा कर पाते हैं, तो आगे से होने वाली धोखाधडी की संभावना कम हो सकती है. 

इसकी जानकारी मिलने के बाद बैंक आपके इंटरनेट बैंकिंग सुविधा को निष्क्रिय कर देगा. जिससे आगे से कोई भी व्यक्ति आपके इस सुविधा का दुरुपयोग आपके साथ धोखाधड़ी के लिए नहीं कर पाएगा. 

बैंक और पुलिस इस धोखाधड़ी का अनुसंधान करेंगे. और इसके अंत में आपको आपका धन वापस मिल सकता है. क्योंकि धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए धन को रखने का अधिकार किसी को नहीं है. इसलिए जिन्हें भी आपका धन किसी भी प्रकार से प्राप्त हुआ होगा, उन्हें आपका धन लौटना पड़ेगा.

प्रश्न. क्या यह देश और अर्थव्यवस्था के लिए हितकारी है?

उत्तर. हां, देश और अर्थव्यवस्था के लिए यह सुविधा गुणकारी है. क्योंकि इसके उपयोग से खाताधारक कई प्रकार के लेनदेन खुद ही कर लेते हैं. जिससे बैंक की शाखाओं पर भार घटता है. इस प्रकार बैंक अपने ब्रांच ऑपरेशंस पर कई प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष खर्च की बचत करते हैं. इस बचत का उपयोग बेहतर टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए करते हैं. जिससे आपका बैंकिंग अनुभव और भी अच्छा होता जाता है. और आप को बेहतर सेवाएं मिलती है.

इसके उपयोग से नगद यानी काला धन का उपयोग घटने लगता है. और सरकार द्वारा कर की उगाही (टैक्स कलेक्शन) में वृद्धि होती है. इस धन का उपयोग सरकार जनकल्याण और बुनियादी रचनाओं की स्थापना में करते हैं. इससे मांग में वृद्धि होती है और अर्थव्यवस्था का विकास होता है.

प्रश्न. क्या यह जोखिम उठाने लायक है?

उत्तर. कृपया इस ब्लॉग को आप फिर से पढ़े और अपने प्रश्न का उत्तर खुद ही दे. क्योंकि यह आपका धन है, और आपका जीवन.

टिप्पणी:

इस ब्लॉक का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को इस सेवा के व्यवहार के लिए उत्साहित या हतोत्साहित करना नहीं है. यह ब्लॉग केवल पाठकों को मेरे विचारों से अवगत कराने के लिए है. कृपया कोई भी निर्णय लेने से पहले प्रत्येक जानकारियों का सत्यापन स्वतंत्र और विश्वसनीय स्रोतों से अवश्य कर लें.

IFSC या IFS कोड 
यह एक अल्फा-न्यूमेरिक कोड है; जो किसी भी बैंक शाखा का इलेक्ट्रॉनिक पता है. यह 11 अक्षरों और संख्याओं का होता है. इसके पहले चार अक्षर और फिर 7 अंक होते हैं. यह आपके पासबुक, चेक बुक, और बैंक से प्राप्त अन्य पत्रों में अंकित रहता है.

Tense: Present Tense

 पाठकों को निर्देश


•Unless otherwise stated anywhere in this blog S(कर्ता), V1(क्रिया का पहला रूप जैसे go), V2(क्रिया का  दूसरा रूप जैसे went), V3  (क्रिया का तीसरा रूप जैसे  gone), Q ( प्रश्नवाचक शब्द जैसे क्या ,कहां ,कब ,क्यों, कैसे ,किसका , कौन , किसे, इत्यादि ) stand for the subject, first form of the verb, second form of the verb, 3rd form of the verb, 'wh' words like what, where, when, why, how, whose, whom, etc.; and 3 dots(...) at the end of the sentence stand for the object (कर्म)complement, etc. The fourth dot stands for the full stop.

The formula like colourful sentences with italics characters like S, V1, V2, V3, Q, helping verbs, +, ...., ...?, etc. represent the general word-order of the sentences in question.



[1/4] Present indefinite/simple present 

•I

Assertive सकारात्मक
S+V1+....
I go. मैं जाता हूं.

Negative नकारात्मक

S+do not+V1....
I do not go. मैं नहीं जाता हूं.

Interrogative प्रश्नवाचक

Do/(Q+do)+S+V1+...?
 Do I go? क्या मैं जाता हूं?

 Do I not go? क्या मैं नहीं जाता हूं?

 Where do I go? मैं कहां जाता हूं?

 Where do I not go? मैं कहां नहीं जाता हूं? 

When do I go? मैं कब जाता हूं? 

When do I not go? मैं कब नहीं जाता हूं? 

Why do I go? मैं क्यों जाता हूं? 

Why do I not go? मैं क्यों नहीं जाता हूं?

We

Assertive
S+V1+....
We go. हम लोग जाते हैं.

Negative

S+do not+V1+....
We do not go. हम लोग नहीं जाते हैं.

Interrogative

Do/(Q+do)+S+V1...?
Do we go? क्या हम लोग जाते हैं?

 Do we not go? क्या हम लोग नहीं जाते हैं? 

Where/when/why do we go? हम लोग कहां / कब/ क्यों जाते हैं? 

Where/when/why do we not go? हम लोग कहां/ कब/ क्यों नहीं जाते हैं?

•You (singular or plural)


Assertive

S+V1+....
You go. आप जाते हैं. तुम जाते हो.

Negative

S+do not+V1+....
You do not go. You never go. आप नहीं जाते हैं. तुम कभी नहीं जाते हो.

 Interrogative

Do+(Q+do)+S+V1+...?
Do you go? क्या आप जाते हैं?

 Do you not go? क्या तुम नहीं जाते हो? 

Where/when/ why do you go? आप कहां/ कब/ क्यों जाते हैं? 

Where /when /why do you not go तुम कहां/ कब/ क्यों नहीं जाते हो?

•They


Assertive

S+V1+....
They go. वे लोग जाते हैं.

Negative

S+do not+V1+....
They do not go. वह लोग नहीं जाते हैं. 

They never go. वह लोग कभी नहीं जाते हैं.

Interrogative

Do/(Q+do)+S+V1+...?
Do they go? क्या वे लोग जाते हैं?

 Do they not go? क्या वे लोग नहीं जाते हैं? 

Where do they go? वे लोग कहां जाते हैं? 

When /why/how do they go? वे लोग कब/ क्यों/ कैसे जाते हैं? 

Where /when /why do they not go? हेलो कहां/ कब /क्यों नहीं जाते हैं?

•He/she/it/singular noun


Assertive

S+V1+s/es+....
He goes. वह जाता है. 

She/ it /Amit/ Sita/ A man/ A boy/ A girl/ A woman goes. वह/यह/ अमित/ सीता/ एक आदमी/ एक लड़का/ एक लड़की/ एक औरत जाता/जाती है.

Negative

S+does not+V1+.... 
S+never+V1+s/es....
It does not go. यह नहीं जाता है.

 He/ She/ It/ Amit /Sita /A man /A woman/ A boy/ A girl/ A dog does not go. वह लड़का/ वह लड़की/ यह सामान/ अमित/ सीता/ एक आदमी/एक औरत/ एक लड़का/एक लड़की/ एक कुत्ता नहीं जाता/जाती है. 

He/she/it/etc. never goes. वह/इत्यादि कभी नहीं जाता है.

Interrogative

Does/(Q+does)+V1+...? 
Who+V1+s/es...?
Does he go? क्या वह जाता है?

 Does he not go? क्या वह नहीं जाता है? 

Where /when /why does he go? वह किधर/ कब/ क्यों जाता है?

 Where /when/ why does he not go? वह किधर /कब /क्यों नहीं जाता है? 

Who(singular) goes? कौन जाता है?

Who does go? is wrong.

•Plural nouns


Assertive

S+V1+....
 Amit and Sumit go. अमित और सुमित जाते हैं. 

Amit and his brothers go. अमित और उसके भाई जाते हैं. 

Some men go. कुछ पुरुष जाते हैं.

 Some men and a woman go. कुछ पुरुष और एक औरत जाते हैं.

 Some people go. कुछ लोग जाते हैं. 

Some boys and some girls go. कुछ लड़के और कुछ लड़कियां जाते हैं. 

Some girls go. कुछ लड़कियां जाती हैं.

 Negative

S+do not+V1+....
 Amit and Sumit do not go.

 अमित और सुमित नहीं जाते हैं. Amit and his brothers do not go. अमित और उसके भाई नहीं जाते हैं.

 Some men and a few women do not go. कुछ पुरुष और कुछ औरतें नहीं जाती हैं. 

Some people do not go. कुछ लोग नहीं जाते हैं.

 Some boys and some girls do not go. कुछ लड़के और कुछ लड़कियां नहीं जाती हैं.

 Interrogative

Do/(Q+do)+S+V1+...? 
Who+V1+...?
Do Amit and Sumit go? क्या अमित और सुमित जाते हैं?

 Do Amit and Sumit not go? क्या अमित और सुमित नहीं जाते हैं?

 Where /when /why do Amit and Sumit go? अमित और सुमित कहां कब और क्यों जाते हैं?

 Where /when /why do Amit and Sumit not go? अमित और सुमित कहां कब क्यों नहीं जाते हैं? 

Where do the boys go? लड़के कहां जाते हैं? 

 When do the girls not go? लड़कियां कहां नहीं जाती हैं? 

Why do the soldiers never go? सैनिक कभी क्यों नहीं जाते हैं? 

Why do the men not go? पुरुष क्यों नहीं जाते हैं? 

Who (plural) go? कौन लोग जाते हैं?

Who do go? is wrong.


=====================================


[2/4] Present continuous/present progressive 


•I

Assertive
S+am+V+ing+....
I am going. मैं जा रहा हूं.

 Negative

S+am not+V+ing+....
 I am not going. I ain't going. मैं नहीं जा रहा हूं. 

I am never going. मैं कभी नहीं जा रहा हूं.

 Interrogative

Am/(Q+am)+S+V+ing+...?
Am I going? क्या मैं जा रहा हूं? 

Am I not going? क्या मैं नहीं जा रहा हूं? 

Where/ when/ why/ how am I going? मैं कहां /कब/ क्यों/ कैसे जा रहा हूं? 

Where/ when /why/ how am I not going? मैं कहां/ कब /क्यों/ कैसे नहीं जा रहा हूं?

•We/you(singular or plural)/ they/plural nouns


Assertive

S+are+V+ing+....
We are going. हम लोग जा रहे हैं. 

You are going. आप/आप लोग जा रहे रहे हो/हैं

They are going. वह लोग जा रहे हैं. Boys are going. लड़के जा रहे हैं.

 Negative

S+are not+V+ing+....
 You are not going. तुम नहीं जा रहे हो.

 We are not going. हम लोग नहीं जा रहे हैं. 

They are not going. वे लोग नहीं जा रहे हैं. 

Girls/Boys are not going. लड़कियां/ लड़के नहीं जा रहे हैं.

Interrogative

Are/(Q+are)+S+V+ing...?
Are we going? क्या हम लोग जा रहे हैं?

 Are you going? 

Are they going? 

Are boys going?

 Where/ when /why /how are we/ the boys /girls / Amit and Radha are going? 

Where/ when /why/ how are we/ they/ boys/ girls not going? 

Who(plural) are going? कौन जा रहे हैं?

•He/ she /it/ singular nouns


Assertive

S+is+V+ing+....
He is going. वह जा रहा है. 

She is going. 

It is going. 

Amit is going. 

Sita is going. 

A boy is going. 

A dog is going. एक कुत्ता जा रहा है.

Negative

S+is not+V+ing+....
He is not going. वह नहीं जा रहा है. 

She is not going. 

It is not going. 

Amit is not going.

 Sita is not going. 

A man is not going. 

A woman is not going. 

A cow is not going. 

He/she/it/etc. ain't going. 

He/etc. is never going. वह/ इत्यादि कभी नहीं जा रहे हैं.

Interrogative

Is/(Q+is)+S+V+ing+...?
Is he going? क्या वह जा रहा है?

 Is he not going? 

Where is he going? 

When/ how /why is he going?Where is he not going? 

Is it /Amit /Sita / A teacher/A student/A tiger going? 

Is it/etc. not going? 

Where/ when /why /how is he /she/it/etc. going?

 Where/ when/ why /how is he/she/ it/etc. not going? 

Who(singular) is going? कौन जा रहा/रही है?

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